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इंसान के शरीर की ये महक करती है मच्छरों को आकर्षित

गर्मी और बरसात के मौसम में मच्छर ज्यादातर सभी को परेशान करते हैं इतना ही नहीं, इन मच्छरों की वजह से हर वर्ष पूरे विश्व में लाखों लोग मलेरिया और डेंगू जैसी जानलेवा रोंगों के शिकार हो जाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि मच्छरों को कौन सी गंध सबसे अधिक आकर्षित करती है? मानव शरीर की गंध मच्छरों को सबसे अधिक आकर्षित करती है वैज्ञानिकों ने अब पता लगाया है कि मानव गंध जो मच्छरों को सबसे अधिक आकर्षित करता है

पिछले महीने प्रकाशित एक अध्ययन पत्र में, शोध ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे मलेरिया फैलाने वाले मच्छर इंसानों को खोज रहे हैं जाम्बिया में माचा रिसर्च ट्रस्ट के योगदान से जॉन्स हॉपकिंस मलेरिया रिसर्च इंस्टीट्यूट और विद्यालय ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने विज्ञान मीडिया ‘करंट बायोलॉजी’ में एक अध्ययन पत्र प्रकाशित किया है

उनका बोलना है कि पनीर, दूध, क्रीम और दही में पाए जाने वाले कुछ एसिड मच्छरों को मानव शरीर की गंध की ओर आकर्षित करते हैं शोधकर्ताओं ने मच्छरों पर अध्ययन करने के लिए एक मॉडल बनाया जिसके बाद एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है वैज्ञानिकों ने इस रिसर्च के लिए 6 लोगों को चुना फिर बड़ी संख्या में मच्छरों को महीन जाली वाले एक बड़े टिन शेड के अंदर छोड़ दिया गया फिर चुने गए लोगों को एक तंबू के आकार के बक्से में रखा गया वहां से, प्रतिभागियों की सांस और शरीर की गंध को 20 मीटर की ट्यूब का इस्तेमाल करके मच्छर के पिंजरों में डाला गया

अध्ययनों से पता चला है कि मच्छरों के लिए एयरबोर्न कार्बोक्जिलिक एसिड सबसे सुन्दर हैं ब्यूटिरिक एसिड सहित जो लिम्बर्गर जैसे “बदबूदार” चीज़ों में उपस्थित एक यौगिक है यह कार्बोक्जिलिक एसिड मानव त्वचा पर बैक्टीरिया द्वारा निर्मित होता है जिन पर हमारा ध्यान कम ही जाता है वहीं, मच्छर एक और केमिकल जिसे यूकेलिप्टोल कहते हैं उससे डरते हैं जो पौधों में होता है

मच्छरों को भगाने के लिए कॉइल न जलाएं, जो 100 सिगरेट जितना धुआं छोड़ते हैं, एक अच्छा तरीका है, रोग नहीं होगी, शोध के सह-लेखक डाक्टर एडगर सिमुलुंडु ने बोला कि शरीर में उपस्थित रसायन शरीर की दुर्गंध को समाप्त करते हैं भिन्न-भिन्न लोगों के बीच संबंध और मच्छरों के प्रति उनके आकर्षण का पता लगाना रोमांचक था उन्होंने बोला कि इस अध्ययन के माध्यम से मलेरिया रोगवाहकों को उन क्षेत्रों में नियंत्रित किया जा सकता है जहां बीमारी स्थानिक है

शोधकर्ताओं ने बोला कि खोज का इस्तेमाल मच्छरों के व्यवहार के बारे में जानने और इसे रोकने के लिए किया जा सकता है इससे मलेरिया को फैलने से भी रोका जा सकता है, जहां यह महामारी का रूप ले लेता है बता दें कि मलेरिया के कारण हर वर्ष पूरे विश्व में 600,000 से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाती है मरने वालों में ज्यादातर 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और गर्भवती महिलाएं हैं कई अफ्रीकी और एशियाई राष्ट्रों में मलेरिया किसी महामारी से कम नहीं है

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