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दिहाड़ी मजदूर की बेटी ने UPSC परीक्षा को ऐसे किया था क्रैक

UPSC Success Story 2024: कहते हैं यदि दिल से मेहनत करो, तो वह कभी खाली नहीं जाती और जीवन में उसका फल जरूर मिलता है यूपीएससी की तैयारी करने वाले हर एक उम्मीदवार इस परीक्षा को पास करने के लिए दिन रात मेहनत करते रहते हैं किसी को कामयाबी मिलती है तो कोई लगातार असफलता के बाद अपना मुकाम हासिल कर ही लेता है आज जिस शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, उन्होंने इस परीक्षा में कई बार हार का मुंह देखा, लेकिन अपने हौसलों को डगमगाने नहीं दिया और मंजिल की ओर बढ़ती रहीं हम बात कर रहे हैं, एस अश्वथी के बारे में, जिन्होंने चौथे कोशिश में यूपीएससी की परीक्षा में कामयाबी हासिल की थी

एस अश्वथी तिरुवनंतपुरम, केरल से हैं, और एक दिहाड़ी मजदूर की बेटी हैं जब वह आठवीं कक्षा की छात्रा थी तभी से उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखा था स्कूली पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग को चुना और तिरुवनंतपुरम के सरकारी बार्टन हिल इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला ले लिया बता दें, टीसीएस कोच्चि में जॉब मिलने के बाद वह अपने फाइनल ईयर में उन्होंने यूपीएससी की तैयारी प्रारम्भ कर दी थी

अश्वथी ने जॉब के साथ-साथ ही यूपीएससी की तैयारी प्रारम्भ की थी हालांकि वह जानती थी, कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए पूरा समय चाहिए होता है, जिसके बाद उन्होंने वर्ष 2017 में अपनी आईटी जॉब छोड़ने का फैसला लिया उस समय ये निर्णय उनके लिए कठिन था क्योंकि जॉब से अच्छी खासी सैलरी आती थी, जिनसे उनका घर चलता, लेकिन अश्वथी जानती थी कि यदि परीक्षा में सफल होना हैं तो कुछ कड़े कदम उठाने होंगे बता दें, उन्होंने तिरुवनंतपुरम में कई प्राइवेट अकादमियों के साथ-साथ केरल राज्य सिविल सेवा अकादमी में दाखिला लिया था

अश्वथी ने समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में बताया, कि वर्ष 2020 का कोशिश उनका चौथा कोशिश था जिसमें उन्होंने 481 रैंक के साथ कामयाबी हासिल की थी बता दें, वह UPSC के प्रारम्भ के तीनों कोशिश में असफल रही थी हालांकि इस परीक्षा में असफल होने के बावजूद भी उन्होंने काफी कुछ सीखा अश्वथी ने बताया “भले ही मैं आरंभ के तीन कोशिश में असफल रही, लेकिन इस हार को मैंने  अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और अपने चौथे कोशिश देने का निर्णय किया जिसके बाद मैंने परीक्षा पास कर ली ”

अश्वथी ने कहा, “इस परीक्षा को पास करने के लिए, मैंने राइटिंग प्रैक्टिस और स्टडी मैटेरियल में सुधार करने पर अधिक फोकस किया ये मेरे फाइनल परीक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण हिस्सा था, ताकि जब मैं पढ़ने लगूं तो मुझे टॉपिक्स सरलता से समझ आए और मैं फाइनल परीक्षा में अच्छा लिख सकूं”

अश्वथी की कामयाबी ने उनके पिता प्रेम कुमार को बहुत गर्व और खुशी दी है, जिन्होंने कहा, “मैं बहुत खुश हूं मुश्किल परिस्थितियों में, उसने सिविल सेवा परीक्षा पास की मुझे उस पर गर्व है वह अपनी पढ़ाई में हमेशा से अच्छी थी” उनका छोटा भाई एक आईटी कंपनी में काम करता है और उनकी मां श्रीलता पी एक हाउस मेकर हैं

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