अमृत है ये जड़ी-बूटी, सर्दियों में रखता हैं सेहत ख्याल, जानें इस्तेमाल का तरीका
आयुर्वेदिक परंपरा में ऐसी जड़ी-बूटियां का उल्लेख है, जो मनुष्य के स्वास्थ्य को बहुत फायदेमंद होते हैं। कुछ इसी तरह का उल्लेख गिलोय की बेल का भी मिलता है। जिसके बारे में बोला जाता है कि यदि गिलोय की जड़ को आप अच्छे से गर्म पानी में उबालकर सेवन करते हैं तो पुराने से पुराना बुखार भी जड़ों से निकल जाता है। दरअसल, मेरठ की यदि बात की जाए तो भिन्न-भिन्न नर्सरी में बड़ी संख्या में ऐसे लोग मिलेंगे, जो गिलोय की बेल की खरीदारी करते नजर आएंगे।
आयुर्वेद विद्यापीठ के राष्ट्रीय महामंत्री वैद्य बृजभूषण शर्मा बताते हैं कि जिसे हम गिलोय की बेल कहते हैं कि उसे आयुर्वेद में अमृता बेल बोला जाता है। यह इतनी लाभ वाला होती है कि पुराने से पुराने बुखार को निकालने में भी है बेहतर साबित होती है। साथ ही वह कहते हैं गिलोय का जो पानी होता है। वह लोगों की इम्युनिटी को भी बढ़ाने में काफी सहायता करता है। इसीलिए यदि गिलोय का ठीक ढंग से लोग घर पर बुखार के समय इस्तेमाल करने लगे। तो उन्हें दवाइयां के ऊपर निर्भर होने की जरूरत नहीं होगी।
बाजार से बेहतर होती है घर की गिलोय
वैद्य बृजभूषण शर्मा की माने तो आजकल बाजार में भी आपको विभिन्न डिब्बे में गिलोय का पाउडर पैक मिल जाता था। लेकिन वह कहते हैं यदि आपके घर पर ही गिलोय की बेल है तो उसकी जड़ी-बूटी काफी लाभ वाला होती है। बाजार के मुताबिक। इतना ही नहीं उन्होंने बोला कि यदि आपके घर में नीम का पेड़ है तो उस पर भी बेल को छोड़ दें। नीम के पेड़ पर होने वाली गिलोय की बेल ही सबसे अधिक लाभदायक होती है।
गिलोय का इस्तेमाल कैसे करें ?
गिलोय का इस्तेमाल करने के लिए इसकी टहनियों को अच्छे से कूटने के बाद उसे पानी में डाल दें। साथ ही उसमें तुलसी के पत्ते, दो लौंग, दालचीनी भी डाल सकते हैं, जिससे यदि आपको खांसी, जुकाम या अन्य कोई परेशानी होगी तो उससे भी राहत मिलेगी। सबसे खास बात यह है कि यदि आप एक गिलास पानी में इन सभी चीजों को उबलते हैं तो उसके आधा हो जानें तक इसे उबालते रहें और फिर इसका सेवन करें।