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तिल चतुर्थी 29 जनवरी को: संतान की लंबी उम्र के लिए किया जाता है ये व्रत

माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी, 29 जनवरी, सोमवार को है. इस दिन गणेश चौथ, तिलकुटा चौथ या संकष्टी चौथ का व्रत किया जाता है. गणेशजी की साधना-अराधना के जरिये ये व्रत खासतौर से सौभाग्य और संतान की लंबी उम्र की कामना से किया जाता है.

संकष्टी चौथ का व्रत सोमवार को रात करीब 08:40 पर चांद निकलने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूरा होगा. इस दिन तिलकुटे का भोग लगाने के बाद महिलाएं निर्जला व्रत खोलेंगी.

महिलाएं अपने परिवार की सुख-समृद्धि और संकटों को दूर करने के लिए यह व्रत रखती हैं. महिलाएं चौथ माता और ईश्वर गणपति का पूजन करेंगी और कथा सुनेंगी. घर की बुजुर्गों से आशीर्वाद लेंगी. इस चौथ को संकष्टी चौथ भी बोला गया है.

2 शुभ योग होने से और भी बढ़ गया है महत्व
पुरी के ज्योतिषाचार्य डाक्टर गणेश मिश्र ने कहा कि इस बार माघ महीने की संकष्टी चतुर्थी शुक्रवार को है. इस दिन पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में चंद्रमा होने से ध्वज नाम का शुभ योग बन रहा है. साथ ही ग्रहों की शुभ स्थिति से शोभन नाम का शुभ योग भी बनेगा. लिहाजा इस व्रत का महत्व और अधिक बढ़ गया है.

चंद्रमा शुक्रवार को पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में रहेगा जो कि शुक्र का नक्षत्र है. वहीं, सोमवार चंद्रमा का दिन माना जाता है. इस कारण संकष्टी चौथ पर सोमवार और शुक्र के नक्षत्र का होना सौभाग्य बढ़ाने का पुण्य मिलेगा. इस दिन महिलाएं परिवार की सुख-समृद्धि के साथ-साथ अपने बच्चों की खुशहाली की कामना करती हैं.

इस दिन क्या करें
1.
तिलकुट चतुर्थी के दिन स्त्रियों को सुबह शीघ्र उठकर व्रत और पूजा का संकल्प लेना चाहिए.
2. दिनभर बिना पानी के रहना चाहिए यदि ये संभव ना हो तो पानी पी कर बिना अन्न खाए व्रत करें.
3. शाम को ईश्वर गणेश और चतुर्थी देवी की पूजा करें.
4. रात में चंद्रमा का दर्शन कर के अर्घ्य दें.
5. परिवार के बड़े लोगों को प्रणाम करें और व्रत खोलें.

 

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