ये हैं दुनिया के पांच सबसे खतरनाक उत्सव, जिनमें लोगों की मौत को किया जाता है सेलिब्रेट
बौद्ध और ताओवादी लोगों द्वारा द हंग्री घोस्ट फेस्टिवल आयोजित किया जाता है। लोग जुलाई या अगस्त के महीने के 15 वें दिन अपने पूर्वजों का सम्मान करने के लिए चीन, मलेशिया और सिंगापुर में इसे मनाते हैं। इस त्योहार में मृतक को खुश करने जैसे भिन्न-भिन्न अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। लोग अनुष्ठानों में नकली नोट के साथ-साथ कारों, टीवी, घड़ियों, घरों आदि के कट-आउट भी रखते हैं। इन चीजों को बनाने के लिए पारंपरिक रूप से जॉस पेपर का यूज किया जाता है, जिसे बाद में आत्माओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए जला दिया जाता है। दिलचस्प बात है कि पारिवारिक भोजन के दौरान भूतों के लिए कुछ सीटों को खाली रखा जाता है।
समैन एक प्राचीन गेलिक और सेल्टिक त्योहार है जो आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स में 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को मनाया जाता है। बोला जाता है कि इस समय के दौरान जीवित और मृत लोगों की दुनिया के बीच की रेखा सबसे पतली होती है। समैन के अनुयायी इस दुनिया में आने वाली आत्माओं को खुश करने के लिए अपने घरों के बाहर खाने-पीने की चीजें रख देते हैं। यहां लोग अलाव जलाते हैं, डरावने कपड़े पहनते हैं और यहां तक कि शुरुआती दिनों में जानवरों की बलि भी चढ़ाते हैं। यह त्योहार अभी भी इस क्षेत्र में मनाया जाता है। खासतौर से आयरलैंड के शहर हिल ऑफ वार्ड में। यहां लोग अलाव के साथ भूतों का त्याेहार पूरे जोश के साथ मनाते हैं।
Pchum Ben एक कम्बोडियन त्योहार है जो 15 दिनों तक चलता है। राष्ट्र में इसके लिए सार्वजनिक छुट्टियां होती हैं। ऐसा माना जाता है कि सितंबर और अक्टूबर के बीच नरक के द्वार खुल जाते हैं। इसलिए जीवित लोग अपने पूर्वजों की आत्माओं की उनके प्रायश्चित करने में सहायता करते हैं। ताकि उन्हें मुक्ति मिल सके। यहां के भूतों को भूखा माना जाता है। कुछ लोग कब्रिस्तान, मंदिरों या खेतों में पूरे रीति रिवाजों के साथ खाना खिलाना पसंद करते हैं। ऐसा बोला जाता है कि यदि कोई आदमी भूखी आत्माओं को भोजन कराने में विफल रहता है, तो उसे आत्मा के क्रोध का सामना करना पड़ता है।
गाय जात्रा यानि गायों का त्योहार नेपाल के नेवारों द्वारा मनाया जाता है। पिछले साल गुजर चुकेे प्रियजनों के सम्मान में गायों की वेशभूषा में बच्चों के जुलूस सड़कों पर उतारे जाते हैं। माना जाता है कि आत्माओं को स्वर्ग तक पहुंचने के लिए गाय की पूंछ की जरूरत होती है। कीर्तिपुर क्षेत्र में, लोग देवी-देवताओं के रूप में तैयार होते हैं और अपने संबंधियों की आत्मा के लिए प्रार्थना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन स्वर्ग के द्वार खुलते हैं।
सोंगप्योन चूसोक महोत्सव के दौरान बनाई जाने वाली एक मीठी कोरियाई डिश है। यह कोरियाई त्योहार कृतज्ञता का दिन है जो सितंबर या अक्टूबर में होता है। इस त्योहार के दौरान कोरियाई लोग अपने पैतृक गृहनगर की यात्रा करते हैं और अच्छी फसल के लिए अपने मृतक पूर्वजों को धन्यवाद देने के लिए अनुष्ठान करते हैं। इसलिए इसे ‘कोरियन थैंक्सगिविंग’ भी बोला जाता है।