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श्वास संबंधी समस्याओं से बचाएंगे ये 3 योगासन

बढ़ते प्रदूषण की वजह से आदमी को स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है प्रदूषित हवा में सांस लेने से आंखों में जलन, सर्दी-जुकाम, सिरदर्द, उल्टी जैसी दिक्कतें लोगों को परेशान करने लगती हैं लेकिन वायु प्रदूषण का सबसे अधिक असर आदमी के फेफड़ों पर पड़ता है हवा के प्रदूषित होने पर लोगों को खांसी, अस्थमा या सांस संबंधी कई तकलीफ सरलता से घेरने लगती हैं यदि आप भी प्रदूषण के बढ़ते ही सांस संबंधी समस्याओं से परेशान होने लगते हैं तो ये 3 योगासन आपकी स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने में आपकी सहायता कर सकते हैं जी हां, हजारों वर्ष पुराने योग में कई ऐसे आसन हैं जो आदमी के फेफड़ों की क्षमता में सुधार करने में सहायता कर सकते हैं

उष्ट्रासन-
उष्ट्रासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर घुटनों के बल बैठते हुए अपने हाथों को कूल्हों पर रखें इसके बाद अपनी पीठ को झुकाते हुए अपनी हथेलियों को अपने पैरों पर तब तक लेकर जाएं तब तक आपकी बाहें सीधी न हो जाएं इसके बाद अपनी गर्दन को तटस्थ स्थिति में रखते हुए कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे वापस पहले वाली मुद्रा में लौट आएं अब अपने हाथों को वापस लेते हुए सीधा करके वापस अपने कूल्हों पर ले आएं

भुजंगासन योग से फेफड़ों को लाभ
भुजंगासन को बैकबेंड पोज या कोबरा पोज भी बोला जाता है भुजंगासन न सिर्फ़ मानसिक शांति के लिए बल्कि छाती और फेफड़ों की स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा माना जाता है भुजंगासन योग के नियमित अभ्यास से दिल रोगों के खतरे को भी कम करने में सहायता मिलती है भुजंगासन योग करने के लिए सबसे पहले पेट के बल जमीन पर लेटकर अपनी दोनों हथेलियों को जांघों के पास जमीन की तरफ रखें ऐसा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपके टखने एक-दूसरे को छूते रहें इसके बाद अपने दोनों हाथों को कंधे के बराबर लाकर दोनों हथेलियों को फर्श की तरफ करें और अपने शरीर का वजन अपनी हथेलियों पर डालें, सांस भीतर खींचें और अपने सिर को उठाकर पीठ की तरफ खींचें ध्यान दें कि इस समय तक आपकी कुहनी मुड़ी हुई है इसके बाद अपने सिर को पीछे की तरफ खीचें और साथ ही अपनी छाती को भी आगे की तरफ निकालें सिर को सांप के फन की तरह खींचकर रखें लेकिन ध्यान दें कि आपके कंधे कान से दूर रहें और कंधे मजबूत बने रहें इसके बाद अपने हिप्स, जांघों और पैरों से फर्श की तरफ दबाव बढ़ाते हुए शरीर को इस स्थिति में करीब 15 से 30 सेकेंड तक बनाए रखें और सांस की गति सामान्य बनाए रखें ऐसा महसूस करें कि आपका पेट फर्श की तरफ दब रहा है लगातार अभ्यास के बाद आप इस आसन को 2 मिनट तक भी कर सकते हैं इस मुद्रा को छोड़ने के लिए, धीरे-धीरे अपने हाथों को वापस साइड पर लेकर आएं अपने सिर को फर्श पर आराम दें अपने हाथों को सिर के नीचे रखें बाद में धीरे से अपने सिर को एक तरफ मोड़ लें और धीमी गति से दो मिनट तक सांस लें

कपालभाति- 
वायु प्रदूषण से शरीर को बचाने के लिए प्रतिदिन कपालभाति का अभ्यास भी लाभ देता है इसे करने के लिए सबसे पहले सीधे बैठकर पेट के निचले हिस्से को अंदर की तरफ खींचे और नाक से तेजी से सांस छोड़ें ऐसा तब तक करते रहे, जब तक आपको थकान न महसूस होने लगे कपालभाति करने से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और मन शांत होता है इस प्राणायाम को करने से सांस धीमी और शरीर स्थिर होने लगता है खून साफ करने के लिए भी कपालभाति अच्छा प्राणायाम है

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