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गर्भवती महिलाये चंद्र ग्रहण के समय इन कार्यों से करे परहेज

चंद्र ग्रहण से पहले सूतक काल माना जाता है शरद पूर्णिमा पर लगने वाला चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले यानी दोपहर 4 बजकर 44 मिनट से प्रारम्भ हो जाएगा सूतक चंद्र ग्रहण समाप्त होने तक यानी 2 बजकर 24 मिनट तक रहेगा पौराणिक मान्यता के मुताबिक सूतक काल के दौरान शुभ कार्य नहीं करना चाहिए गर्भवती स्त्रियों को कुछ कार्यों से परहेज करना चाहिए

ग्रहण के दौरान प्रेग्नेंट स्त्रियां धारदार चीजों का इस्तेमाल भूलकर भी न करें जैसे सब्जी न काटें, सिलाई, कढ़ाई, कैंची, चाकू का इस्तेमाल करने से बचे ऐसा करना अशुभ होता है और मां के साथ बच्चे पर भी बुरा असर पड़ता है

 

ग्रहण के दौरान ईश्वर का स्मरण करते रहें अपने मन में नकारात्मक विचार नहीं रखने चाहिए साथ ही तनाव और टकराव की स्थिति से बच कर रहें क्रोध और अहंकार न करें, स्वयं को एकदम शांत रखें

Chandra Grahan 2023

ग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्रियों को सोने से भी परहेज करना चाहिए कहते हैं इससे बच्चे की बुद्धि पर नकारात्मक असर पड़ता है ऐसा करने से बच्चा मानसिक रूप से मंद होता है

शास्त्रों के मुताबिक ग्रहण की अवधि में प्रेग्नेंट महिलाओं को तुलसी दल रखकर दुर्गा पाठ या अपने इष्टदेव के मंत्र का स्मरण करना चाहिए इससे मां-शिशु पर बुरी शक्तियों का असर नहीं पड़ता

चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद गर्भवती स्त्री को पवित्र जल से स्नान कर लेना चाहिए कहते हैं इससे गर्भस्थ शिशु और मां दोनों पर ग्रहण का गुनाह समाप्त हो जाता है सूतक काल में देव विग्रह के स्पर्श को नहीं करना चाहिए, इसके अतिरिक्त ग्रहण का साया भी देव विग्रहों पर न पड़े, इसके लिए मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं जिन जगहों पर ग्रहण का साया पड़ता है, वहां इससे अच्छे और बुरे का असर होता है, इसलिए ग्रहण काल में इसके गुनाह को कम करने के लिए जप और तप करना चाहिए

 

चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन बनाने और खाने से बचना चाहिएइस दौरान किसी भी प्रकार की पूजा अर्चना नहीं करनी चाहिएचंद्र ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए इस दौरान गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिएसाथ ही चाकू या कैंची का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिएचंद्र ग्रहण के दौरान पेड़-पौधों को छूने से भी बचना चाहिए

 

चंद्र ग्रहण दिखे या न दिखे लेकिन इसके कारण अनेक राशियों पर असर पड़ता है मान्यता है कि यदि चंद्र ग्रहण वाले दिन चंद्रमा के मंत्र ‘ॐ सों सोमाय नमः’ अथवा ईश्वर शिव के मंत्र ‘ॐ नम: शिवाय’ का जप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए इससे अशुभ असर समाप्त होते हैं

चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद गर्भवती स्त्री को पवित्र जल से स्नान कर लेना चाहिए कहते हैं इससे गर्भस्थ शिशु और मां दोनों पर ग्रहण का गुनाह समाप्त हो जाता है

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