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पौष अमावस्या के दिन पितृ और कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए करें ये उपाय

Pitra Dosh Upay : हिंदू पंचांग के मुताबिक हर माह में अमावस्या पड़ती है. अमावस्या का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है. इस समय पौष का महीना चल रहा है और पौष माह की अमावस्या 11 जनवरी को है. अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान का बहुत अधिक महत्व होता है. भाद्रपद अमावस्या पर कुछ तरीका करने से पितृ और कालसर्प गुनाह से मुक्ति मिल जाती है. आइए जानते हैं पौष अमावस्या के दिन पितृ और कालसर्प गुनाह से मुक्ति के उपाय…

कालसर्प दोष

  • ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक कुंडली में जब राहु और केतु के मध्य सभी ग्रह आ जाते हैं तो कालसर्प गुनाह का निर्माण हो जाता है. कालसर्प गुनाह की वजह से आदमी को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
  • उपाय – कालसर्प गुनाह से मुक्ति के लिए अमावस्या के पावन दिन विधि- विधान से भगवान  विष्णु की पूजा- अर्चना करनी चाहिए. इस दिन गंगा जल से विष्णु ईश्वर का अभिषेक करें. ईश्वर विष्णु को भोग भी लगाएं और उनकी आरती करें. ईश्वर विष्णु की पूजा- अर्चना करने से कालसर्प गुनाह से मुक्ति मिल सकती है.

पितृ दोष

  • ज्योतिष मान्यताओं के मुताबिक कुंडली में दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, नौवें और दसवें रेट में सूर्य राहु या सूर्य शनि की युति बनने पर पितृ गुनाह लग जाता है. सूर्य के तुला राशि में रहने पर या राहु या शनि के साथ युति होने पर पितृ गुनाह का असर बढ़ जाता है. इसके साथ ही लग्नेश का छठे, आठवें, बारहवें रेट में होने और लग्न में राहु के होने पर भी पितृ गुनाह लगता है. पितृ गुनाह की वजह से आदमी का जीवन परेशानियों से भर जाता है.
  • पितृ गुनाह उपाय-  इस गुनाह से मुक्ति के लिए अमावस्या के दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए. पितरों का स्मरण कर पिंड दान करना चाहिए और अपनी गलतियों के लिए माफी  भी मांगनी चाहिए.

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