ओडिशा सरकार जेलों में कैदियों की संख्या कम करने के लिए उठाने जा रही ये बड़ा कदम
रिपोर्ट के अनुसार ट्रैकिंग डिवाइस की मूल्य 10,000 रुपये से 15,000 रुपये के बीच है। इसे कैदी के टखने से जोड़ा जाएगा। इससे छेड़छाड़ होने पर यह अलर्ट जारी कर देगा। डिवाइस को एक निर्दिष्ट क्षेत्र या परिधि के लिए प्रोग्राम किया जाएगा। यदि कैदी अधिकृत सीमा से आगे जाता है तो यह डिवाइस पुलिस को अलर्ट कर देगी। ऐसे कैदी की जमानत रद्द कर दी जायेगी और उसे कारावास भेज दिया जायेगा।
डिवाइस की मूल्य कैदियों से ली जाएगी
ओडिशा के डीजी (जेल) मनोज कुमार छाबड़ा के मुताबिक, विचाराधीन कैदियों को विकल्प दिया जाएगा कि वे कारावास चाहते हैं या जमानत। जमानत के लिए ट्रैकिंग डिवाइस जरूरी किया जा सकता है। गवर्नमेंट उपकरण नहीं खरीदेगी। सिर्फ़ कैदियों को ही उपकरण खरीदने के लिए बोला जा सकता है। इस तकनीक का इस्तेमाल जेलों में घातक अपराधियों की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए भी किया जा सकता है।
संसदीय समिति को सिस्टम दिखाया
मनोज कुमार छाबड़ा का बोलना है कि इस तकनीक से छोटे-मोटे अपराधों में शामिल अहिंसक विचाराधीन कैदियों को कारावास की बजाय घर में ही नजरबंद रखा जा सकता है। हाल ही में इस नज़र प्रणाली को गृह मामलों की संसदीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। ओडिशा की लगभग 65 फीसदी जेलों में विचाराधीन कैदी हैं।