जानें, वैभव लक्ष्मी की पूजा कब और कितने बजे करनी चाहिए और व्रत नियम
शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित है। माता लक्ष्मी के आठ रूपों में से एक रूप वैभव लक्ष्मी की है। मां वैभव लक्ष्मी व्रत को धन, वैभव, सुख और समृद्धि प्राप्त करने के लिए किया जाता है। देवी लक्ष्मी के इस व्रत को महिला या पुरुष कोई भी रख सकता है, जिन लोगों के जीवन में आर्थिक संकट और गृह क्लेश से परेशान हैं तो उन्हें यह व्रत करना चाहिए। शुक्रवार के व्रत में पूजा मुख्य रूप से शाम के समय सूर्य ढलने के बाद की जाती है। ज्योतिष शास्त्र में वैभव लक्ष्मी व्रत को यदि सुहागिन महिलाएं करें तो उसे सबसे अधिक फायदेमंद माना गया है। यह व्रत नियमित रूप से 11 या 21 शुक्रवार तक किया जाना चाहिए।
वैभव लक्ष्मी जी की पूजा कैसे करें?
- शुक्रवार के दिन ब्रह्ममुहूर्त में स्नानादि कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर माता लक्ष्मी की प्रतिमा रखें।
- माता को श्वेत या लाल पुष्प अर्पित करते हुए व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद मां लक्ष्मी को लाल या श्वेत चन्दन का तिलक लगाएं।
- माता वैभव लक्ष्मी को अक्षत, फल, कमलगट्टा चढ़ाएं।
- फिर घी का दीपक और धूप जलाकर माता लक्ष्मी की आरती करें।
- अब आसन पर बैठकर मां लक्ष्मी बीज मंत्र का 108 बार जाप स्फटिक माला से करें।
वैभव लक्ष्मी व्रत के नियम
- व्रत वाले दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नानदि क्रिया से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें।
- पूरे दिन निराहार रहकर एक ही बार भोजन ग्रहण करें।
- मन और शरीर को सही रखें, बुरे विचार न आने दें।
- किसी का दिल न दुखाये, कोमल वाणी का ही प्रयोग करें।
वैभव लक्ष्मी व्रत के फायदे
- मन को शांत और स्थिर रखने के लिए लाभ वाला है।
- आध्यात्मिक और सकारात्मक विचारों को बढ़ावा मिलता है।
- दरिद्रता और आर्थिक संकटों को दूर करने में सहायक।
- घर से नाकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।
- लम्बे समय से चले आ रहे गृह क्लेश की समापन होती है।
वैभव लक्ष्मी व्रत में क्या खाना चाहिए
माता लक्ष्मी के व्रत में एक ही बार भोजन ग्रहण करें और भोजन में सात्विक भोजन के साथ ही खीर भी अवश्य शामिल करें। सात्विक भोजन में साबूदाने की खिचड़ी एवं पुलाव, कुटू के पराठे, कच्चे केले की टिकी, सिंघाड़े की नमकीन बर्फी, आलू, खीरे और मूंगफली का सलाद आदि को शामिल किया जा सकता है।
वैभव लक्ष्मी व्रत सामग्री
मां लक्ष्मी की प्रतिमा, फूल, चंदन, अक्षत, पुष्प माला, पंचामृत, दही, दूध, जल, कुमकुम, मौली, दर्पण, कंघा, हल्दी, कलश, विभूति, कपूर, घंटी आम और पान के पत्ते, केले, धूप बत्ती, प्रसाद और दीपक अर्पित करें।
वैभव लक्ष्मी व्रत कब से प्रारम्भ करना चाहिए?
वैभव लक्ष्मी व्रत को प्रारम्भ करने का सबसे शुभ दिन शुक्ल पक्ष का पहला शुक्रवार माना जाता है, इस व्रत को 16 या 21 शुक्रवार तक रखना चाहिए।