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गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस में क्या है अलग, जानें…

75 वें गणतंत्र दिवस (Republic Day 2024) में अब बस कुछ भी दिन बचे है इस राष्ट्रीय पर्व की तैयारियां पुरे राष्ट्र में बड़े उत्साह के साथ हो रही है दिल्ली के कर्तव्यपथ पर परेड के लिए फुल ड्रेस रिहर्सल की जा रही है, वही सभी विद्यालयों में गणतंत्र दिवस के लिए बच्चों द्वारा तैयारियां जारी है राष्ट्र के बड़े राष्ट्रीय उत्सव के तोर पर हम दो दिन मनाते है, पहला है गणतंत्र दिवस और दूसरा है स्वतंत्रता दिवस (Independence Day)

वैसे तो इन दोनों दिनों को हम बड़े ही अच्छे से मनाते है, लेकिन क्या आपको इन दोनों दिनों की भिन्नता पता है? क्या आप जानते है इन दोनों दिनों का कार्यक्रम भिन्न-भिन्न स्थान क्यों होता है? क्यों 15 अगस्त को पीएम, 26 जनवरी को राष्ट्रपति ही तिरंगा फहराते हैं? नहीं जानते न? तो चलिए आज हम आपको इन्हीं प्रश्नों के उत्तर देते है आइए जानते है गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस में क्या फरक है…

 

स्वतंत्रता पर राष्ट्र को गुलामी की जंजीरों से आजादी दिलाने वाले क्रांतिवीरों को याद किया जाता है राष्ट्र में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीयके तौर पर मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस पर पीएम झंडारोहण करते हैं तो गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने की जिम्मेदारी राष्ट्रपति निभाते हैं, कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? आइए समझते हैं कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है और क्यों दोनों राष्ट्रीय पर्वों पर झंडा फहराने का नियम भिन्न-भिन्न है

अलग-अलग उपायों से झंडारोहण

जैसा की हम सब जानते है 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन 1950 में हमारा संविधान लागू हुआ था, जबकि 15 अगस्त गुलामी की जंजीरों से आजादी मिलने के प्रतीक स्वरूप् मनाया जाता है इसमें खास बात ये है कि 15 अगस्त के दिन ध्वजारोहण के लिए झंडे को नीचे बांधकर रस्सी से ऊपर ले जाया जाता है, इसके बाद फहराया जाता है ऐसा 15 अगस्त 1947 को मिली आजादी के सम्मान में किया जाता है, जबकि गणतंत्र दिवस पर झंडा ऊपर ही बांधा जाता है और खोलकर फहराया जाता है इस तरह दोनों राष्ट्रीय पर्व के झंडारोहण में फर्क है

स्वतंत्रता दिवस पर पीएम और गणतंत्र पर राष्ट्रपति ही क्यों फहराते है तिरंगा

जानकारी के लिए आपको बता दें कि स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के पीएम ही झंडारोहण करते हैं दरअसल 15 अगस्त 1947 से स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है, उस समय राष्ट्र मे संविधान लागू नहीं था न ही तब तक राष्ट्रपति ने पदभार ग्रहण किया था इसीलिए पहली बार तिरंगा झंडा तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू ने फहराया था तब से ये परंपरा चली आ रही है गणतंत्र दिवस संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, इसीलिए इस दिन राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं, क्योंकि वे राष्ट्र के कानूनी प्रमुख हैं इस तरह दोनों राष्ट्रीय पर्व भिन्न-भिन्न मान्यवर द्वारा झंडा फहराया जाता है

कार्यकम की जगहें भी हैं अलग-अलग

जैसा की हम सब जानते है इन दोनों पर्व के लिए भिन्न-भिन्न जगहें चुनी गई है जी हां स्वतंत्रता दिवस पर झंडारोहण लाल किले की प्राचीर पर होता है, यहीं से पीएम राष्ट्र की जनता को संबोधित करते हैं वहीं बात करें गणतंत्र दिवस को तो इस दिन के कार्यक्रम का आयोजन कर्तव्यपथ पर होता है यहां भव्य परेड भी निकलती है

दोनों दिनों के कार्यक्रम में फरक

जहां स्वतंत्रता दिवस पर झंडारोहण के बाद पीएम राष्ट्र की जनता को संबोधित करते हैं गणतंत्र दिवस पर भव्य परेड निकाली जाती है और झांकियां भी प्रदर्शित की जाती है

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