भारत की उन श्रापित नदियों के बारे में जानें जिनके छूने से आपके जीवन में मच जाएगा हाहाकार
इसका नाम शायद ही अपने सुना हो। यह नदी बिहार और प्रदेश की प्रमुख नदियों में से एक है। इन दोनो राज्य के लोगों का मानना है कि जो लोग इस नदी को छू लेते हैं, उनके बनते काम भी बिगड जाते हैं। वहीं कुछ लोग कहते हैं कि इस नदी का पानी ही श्रापित है, इसलिए लोग इसके पानी को छूना भी नहीं चाहते। चंबल मध्यप्रदेश की प्रमुख नदी है। इस नदी के बारे में कौन नहीं जानता। चंबल को डाकुओं का क्षेत्र माना जाता है, पर अब यहां डाकू नहीं रहते, लेकिन इस नदी को लोग अपवित्र जरूर मानते हैं। इस नदी के बारे में बोला जाता है कि यह कई जानवरों के खून से उत्पन्न हुई हे। एक अन्य कहानी के अनुसार एक राजा रतिदेव ने हजारों जानवरों को मार डाला था और खून इस नदी में बहने दिया। इस घटना के बाद से लोग इसे श्रापित मानने लगे। धार्मिक जगहों और इसके आसपास नदियों को देवी का रूप माना जाता है। लेकिन बिहार के गया जिले में बहने वाली फल्गु नदी के बारे में कुछ और ही बोला जाता है। गया बिहार का जिला है, जहां हर वर्ष लाखों लोग पिंडदान और श्राद्ध करने के लिए पहुंचते हैं। यहां के लोग नदी को देवी नहीं बल्कि श्रापित मानते हैं। कहते हैं कि इस नदी को माता सीता ने श्राप दिया था, तब से लोग इस नदी पर जाने से बचते हैं । कोसी नदी के बारे में भी हम सभी ने पुस्तकों में ही पढ़ा है। बहत ज्यादा लोग इससे परिचित नहीं है। नेपाल से हिमालय में निकलने वाली ये नदी सुपौल, पूर्णिया, कटिहार से बहती हुई कोसी ताजमहल के पास गंगा में मिल जाती है। यहां इसे शोक नदी के नाम से जाना जाता है। कहते हैं जब भी इस नदी में बाढ़ आती हैं, जो क्षेत्रीय लोग प्रभावित होते हैं और कई लोगों की तो जान भी चली जाती है। हालांकि, लोग इसे श्रापित नहीं कहते, लेकिन इसे शोक नदी के नाम से बुलाते हैं। क्या आपने कभी श्रापित नदियों के बारे में सुना है। यदि नहीं सुना, तो चलिए आज हम आपको हिंदुस्तान की उन श्रापित नदियों के बारे में बता रहे हैं, जिनके छूने से ही आपके जीवन में त्राहिमांम मच जाती है।