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सर्दियों में बच्चों को ऐसे कराएं स्तनपान

Women Health: बच्चा जन्म के बाद से अपनी हर आवश्यकता के लिए मां पर निर्भर होता है. फिर चाहे उसकी तबियत खराब हो, या फिर भूख लगी हो. दूध पिलाना न केवल बच्चे बल्कि उसकी मां के लिए सबसे सुखद पल होता है. स्तनपान के बाद मां भी काफी रिलैक्स फील करती हैं. स्तनपान करवाने से स्त्रियों में दूध का प्रवाह भी बेहतर होता है. साथ ही इससे मां और बच्चे का बॉन्ड भी मजबूत होता है. इस वजह से भी हेल्थ एक्सपर्ट्स मां द्वारा बच्चे को स्तनपान करवाने की राय देते हैं.

साथ ही इससे स्त्रियों में ब्रेस्ट कैंसर का भी खतरा कम होता है. लेकिन यह काम सर्दियों में काफी अधिक कठिन होता है. क्योंकि सर्दियों में हर स्त्री को स्तनपान करवाने में कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. हांलाकि इस दौरान किस तरह की चुनौतियां होती हैं और उनसे कैसे निपटना चाहिए. आज इस आर्टिकल के जरिए हम इन्हीं सारे प्रश्नों के उत्तर देने की प्रयास करेंगे. तो यदि आप भी अपने बच्चे को स्तनपान करवाती हैं और सर्दियों में इस प्रक्रिया में परेशानी होती है, तो यह आर्टिकल आपके लिए है.

निप्पन सुन्न हो जाना

सर्दी की वजह से कई बार स्त्रियों के निप्पल सुन्न हो जाते हैं. ऐसा होने पर बच्चा ठीक तरह से दूध खींच नहीं पाता है. वहीं यदि बच्चा निप्पल से दूध खींचने का कोशिश करता है, तो मां को दर्द का एहसास होता है. वहीं कुछ मामलों में देखा जाए तो सुन्नपन होने की वजह से निप्पल में खुजली होने लगती है.

दूध नलिकाओं में ब्लॉकेज होना

सर्दियों में यदि स्त्री के निप्पल सुन्न हो जाते हैं, तो इससे दूध का फ्लो कम हो जाता है. फिर बच्चा कितना भी कोशिश करे, फिर भी दूध का प्रवाह सामान्य नहीं हो पाता है. लंबे समय तक कंडीशन बनी रहने पर दूध की नलिकाएं ब्लॉकेज हो जाती हैं. ऐसा होना स्त्रियों के लिए भी काफी परेशानी वाला होता है.

क्रैक्ड निप्पल

क्योंकि सर्दियों में ड्राई हवा चलती है. वहीं हवा में नमी की वजह से स्त्रियों की त्वचा और निप्पल में ड्राईनेस हो सकती है. लेकिन इसको भूलकर भी नजरअंदाज करने की गलती नहीं करनी चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से दर्द और खुजली की परेशानी बढ़ सकती है. वहीं ऐसे समय में बच्चे को दूध पिलाने से स्त्रियों की तकलीफ और अधिक बढ़ सकती है. इसलिए महत्वपूर्ण है कि इस सिचुएशन में स्त्री को किसी भी तरह के प्रीसर्वेटिव्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. साथ ही स्त्रियों को परफ्यूम लगाने से भी बचना चाहिए.

पीठ दर्द

भले ही आपको आश्चर्य हो कि स्तनपान कराने में पीठ दर्द का क्या संबंध है. लेकिन जिन स्त्रियों की सर्दियों में डिलीवरी होती है, उनको ज्यादातर शारीरिक परेशानी होती है. इनमें जैसे शरीर में दर्द, पीठ में दर्द और गर्दन आदि में दर्द की परेशानी होती है. लेकिन इसको समय रहते कंट्रोल नहीं किया जाता है कि बच्चे को दूध पिलाने में काफी परेशानी आ सकती है. वहीं यदि बच्चे को लंबे समय तक स्तनपान नहीं कराया जाए, तो दूध जम भी सकता है. जोकि दर्द की वजह बन सकती है.

अगर किसी स्त्री को स्तनपान के दौरान निप्पल में खुजली या इचिंग होती है, तो चिकित्सक की राय जरूर लें. चिकित्सक की राय को अपनाएं.

दूध में ब्लॉकेज की परेशानी न होने दें. यदि किसी कारण से दूध का फ्लो कम हो गया है, तो अपने निप्पल की सिंकाई हीट पैड से कर सकती हैं. इससे दूध का प्रवाह सामान्य हो जाएगा.

समय-समय पर बच्चे को स्तनपान कराते रहें. क्योंकि यदि आप ऐसा नहीं करती हैं, तो दूध के जमने का अधिक रिस्क होता है.

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