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Hanuman Jayanti 2024: छत्तीसगढ़ में यहां खुद प्रकट हुए थे बजरंगबली, काफी दिलचस्प है इस मंदिर का इतिहास

Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती को लेकर भक्तों में काफी अधिक उत्साह है जगह- स्थान पर मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है छत्तीसगढ़ में भी हनुमान जयंती की रौनक देखने को मिली बालोद जिले के कमरौद गांव में स्थित हनुमान मंदिर में भक्तों का जमावड़ा लगा है इस गांव में स्थित भूफोड़ बजरंगबली का धाम काफी मशहूर है बता दें कि यहां पर लगातार बजरंगबली की प्रतिमा बढ़ रही है इस मंदिर का इतिहास काफी दिलचस्प है आइए जानते हैं

कहां है मंदिर
बालोद जिले के ग्राम कमरौद में 400 वर्ष पुरानी ईश्वर हनुमान की विशाल प्रतिमा है इस प्रतिमा का आकार और ऊंचाई बढऩे का दावा मंदिर समिति और भक्त करते हैं, जमीन से निकलने के कारण यह भूफोड़ बजरंगबली के नाम से छत्तीसगढ़ में मशहूर हैं इस मंदिर की प्रसिद्धि को लेकर इसे पर्यटन स्थल बनाने की मांग ग्रामीण और मंदिर समिति कर रहे हैं मंदिर की विशेषता यह है कि यहां जिसने भी सच्चे मन से ईश्वर बजरंग बली का स्मरण किया है उसकी इच्छा पूरी हुई है यही वजह है कि लोगों की आस्था बढ़ रही है

मंदिर समिति के अध्यक्ष पुनीत राम देशलहरा ने कहा कि यहां पर भक्त दूर दूर से आते हैं पूरे वर्ष भर यहां मेले जैसा माहौल रहता है उन्होंने कहा कि पूर्वज कहते थे कि यहां पर ईश्वर हनुमान की प्रतिमा बढ़ रही है और इन्ही सब को देखते हुए हमने मंदिर ऊंचा बनाया है वहीं भक्त पंकज साहू ने कहा कि मेरी आस्था इस मंदिर से काफी समय से जुड़ी हुई है जहां आकार मुझे काफी शाँति मिलता है

समय के साथ बढ़ता गया प्रांगण
आज के समय में इस मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है बजरंगबली के साथ इस जगह पर दूसरे देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैंहाल ही में मंदिर के अंदर 17 फीट ऊंची विशाल काली मां की प्रतिमा स्थापित की गई हैस्थानीय लोगों, व्यापारियों और आम जनता ने आपसी योगदान से मंदिर का विकास किया गया प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त बजरंगबली की मूर्ति कृत्रिम नहीं बल्कि प्राकृतिक है यह जगह आस्था का केंद्र है जहां पिछले 400 वर्ष से लोग बारह महीने दर्शन के लिए आते हैं

सपने में दिखे राम भक्त 
गांव का एक किसान अपने खेत में हल चला रहा था किंतु एक ही स्थान बार बार हल चलाने से वह टूट जा रहा था, एक दिन उस किसान को सपने में ईश्वर के दर्शन हुए और उसने वहां उसी स्थान खेत पर जमीन से निकले हनुमान मंदिर को एक मंदिर के रूप में स्थापित कर उनकी प्राण प्रतिष्ठा भी किया ईश्वर की प्राण प्रतिष्ठा से वहां उसकी मन्नतें पूरी हुई धीरे धीरे आसपास के ग्रामीण भी प्राण प्रतिष्ठा में लग गए और आज भी लोग दूर-दूर से अपनी मन्नते पूरी कर वहां से जाते हैं

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