लाइफ स्टाइल

Exam Result के Stress से बच्चों को ऐसे रखें दूर

वर्ष का यह समय लगभग हर स्टूडेंट के लिए काफी अहम माना जाता है. पूरे वर्ष कड़ी मेहनत करने के बाद परीक्षा देने के बाद अब नतीजों का समय आ चुका है. राष्ट्र के कई राज्य बोर्ड के परिणाम जल्द ही जारी होने वाले हैं. आज यानी शनिवार को जहां उत्तर प्रदेश बोर्ड के 10वीं-12वीं का परिणाम (UP Board 10th-12th Result 2024) दोहपर 2 बजे घोषित किए जाएंगे, तो वहीं अगले सप्ताह एमपी बोर्ड के परिणाम जारी किए जा सकते हैं. इसके अतिरिक्त मई के दूसरे सप्ताह तक सीबीएसई के परिणाम जारी होने की आशा की जा रही है.

एग्जाम के दौरान तो भी लगभग हर बच्चा स्ट्रेस और एंग्जायटी का शिकार होता है, लेकिन परिणाम को लेकर भी कई बच्चों में मन में डर और स्ट्रेस बना रहता है. अकसर परिणाम आने पहले स्टूडेंट्स के मन के कई प्रश्न आते रहते हैं, जिसकी वजह से वह एंग्जायटी और स्ट्रेस का शिकार हो जाते हैं. यदि आपके आसपास भी कोई बच्चा अपने एग्जाम परिणाम को लेकर परेशान हैं, तो आप इन टिप्स के जरिए उनकी सहायता कर सकते हैं.

बच्चों के साथ खुला संचार करें

चिंता विद्यार्थियों में अजीब व्यवहार का कारण बन सकती है, जिसे समझ पाना अकसर कठिन होता है. ऐसे में एग्जाम परिणाम आने से पहले अपने बच्चों से खुलकर और निष्ठावान होकर वार्ता करें. उन्हें शांत करते हुए यह समझाएं कि एग्जाम परिणाम उनकी योग्यता या भविष्य की कामयाबी को तय नहीं करते हैं. साथ ही उन्हें सकारात्मक रहने में सहायता करें.

तुलना करने से बचें

अकसर परिणाम आने पर बच्चे या फिर स्वयं पेरेंट्स बच्चों की तुलना दूसरों से करने लगते हैं. हालांकि, ऐसा करने से केवल चिंता और आत्म-संदेह को बढ़ावा मिलता है. हर बच्चे की अपनी अलग ताकत और कमजोरियां होती हैं. इसलिए अपने बच्चों की तुलना न करते हुए उनके लगातार सुधार पर ध्यान दें, और उन्हें पिछली गलतियों से सीखकर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें.

दैनिक दिनचर्या बनाए रखें और एक्टिव रहें

सक्रिय रहकर दैनिक दिनचर्या बनाए रखने से तनाव को कम करने में सहायता मिल सकती है. परीक्षा रिज़ल्ट की चिंता को मैनेज करने के लिए, बच्चों को संतुलित आहार दें और व्यायाम या कोई ऐसी एक्टविटी करने को कहें, जो उन्हें पसंद हो. इससे एंडोर्फिन रिलीज होगा, जो मूड में सुधार करते हैं.

नकारात्मक विचारों को कम करें

माता-पिता और शिक्षक बच्चों को तनाव से निपटने में सहायता कर सकते हैं. इसके लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण उनके नकारात्मक विचारों को कम करना है. उनके नकारात्मक विचारों को सकारात्मक से बदलकर ऐसी मानसिकता विकसित करें, जो उपलब्धियों और सुधार दोनों को स्वीकार करे.

मदद लें

आजकल की भागदौड़ भरी जीवन में अकसर पेरेंट्स के पास अधिक समय नहीं होता. ऐसे में अपने बच्चों को एग्जास परिणाम की एंग्जायटी से बचाने के लिए आप सहायता ले सकते हैं. बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर परिणाम के असर से निपटने के लिए एक्सपर्ट की सहायता लेना एक जरूरी कदम है.

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