अध्ययन का निष्कर्ष
अध्ययन के निष्कर्ष में लॉफबोरो यूनिवर्सिटी में डिमेंशिया रिसर्च के निदेशक और अध्ययन के प्रमुख लेखक प्रो। ईफ होगरवॉर्स्ट कहते हैं अध्ययन के आधार पर हमने पाया है कि आंखों की टेस्ट में लो स्कोर वाले मरीजों में डिमेंशिया का खतरा अधिक हो सकता है. इसका अंदाजा करीब एक दशक पहले ही लगाया जा सकता है.
शोधकर्ताओं ने बताया, जांच के माध्यम से परेशानी का पता लगाना सरल हो सकता है. इसके अतिरिक्त लाइफस्टाइल में कुछ प्रकार के बदलावों जैसे धूम्रपान न करना, वजन को कंट्रोल रखना, नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार की सहायता से मस्तिष्क से संबंधित समस्याओं के खतरे को कम किया जा सकता है.
————–
स्रोत और संदर्भ
Visual processing speed and its association with future dementia development in a population-based prospective cohort: EPIC-Norfolk
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, जानकारों और अकादमिक संस्थानों से वार्ता के आधार पर तैयार किए जाते हैं. लेख में उल्लेखित तथ्यों और सूचनाओं को मीडिया के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा और परखा गया है. इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है. संबंधित लेख पाठक की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है. मीडिया लेख में प्रदत्त जानकारी और सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है. उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित रोग के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श लें.