लाइफ स्टाइल

पेरेंट्स की इन आदतों से परेशान होकर बच्चे बन जाते है चिड़चिड़े

बुलिंग, एक ऐसा शब्द को किसी को भी परेशान कर सकता है इसका मतलब है कि किसी को परेशान करना या फिर गहरी चोट पहुंचाना विद्यालय में सेम उम्र के बच्चे अक्सर एक दूसरे को बुली करते हैं बच्चे हों या फिर बड़े हर किसी को इससे कठिनाई हो सकती है पैरेंट्स अपने बच्‍चे से बहुत  प्‍यार करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वह भी अनजाने में बच्चे को हानि पहुंचा सकते हैं जी हां, पेरेंट्स की कुछ बातों से बच्चे बुली महसूस करते हैं और फिर परेशान होकर चिड़चिड़े हो जाते हैं और अकेले रहना पसंद करते हैं हालांकि, पैरेंट्स को इस बात का अंदाजा तक नहीं होता की वह अपने बच्चे को बुली कर रहे हैं यहां जानिए कुछ बातें

बच्चों को डराना 
इमोशनल बुलिंग के दौरान पेरेंट्स अक्सर बच्‍चे को चिढ़ाते हैं, उसका मजाक उड़ाते हैं या फिर उन्हें धमकाते हैं कुछ पेरेंट्स बच्चे को शर्मिंदा महसूस करवाते हैं पेरेंट्स यदि बच्चे के साथ ऐसा करते हैं तो इससे बच्चे के आत्‍म-सम्‍मान को चोट पहुंचती है

बच्चों की फीलिंग को ना देखना 
अगर आप का बच्चा दुखी रहता है और उसमें कॉन्फिडेंस की कमी है तो समझ लें कि परवरिश में कुछ कमी रह रही है यदि आप बच्‍चे को ये बताते हैं कि उसे क्‍या करना चाहिए और क्‍या नहीं तो ऐसा ना करें बल्कि उसे बोलने का भी मौका दें और उसकी फिलींग्स को समझें

गलत ढंग से डिसिप्लिन सिखाना
पेरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा सभी के सामने अच्छे से पेश आए यहीं वजह है कि वह बचपन से ही बच्चे को संस्कार देना प्रारम्भ कर देते हैं हालांकि, बच्चों को डिसिप्लिन सिखाने के लिए कुछ पेरेंट्स गलत ढंग को अपनाते हैं खासकर, बुलिंग पैरेंट आमतौर पर फिजिकल फोर्स और वायलेंस का प्रयोग करते हैं इसमें बच्‍चे को डांटना, थप्‍पड़ मारना, खींचना, धक्‍का देना शामिल है

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