Chanakya Niti: चाणक्य के अनुसार एक विद्यार्थी को कैसा होना चाहिए, जानें…
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने मनुष्यों को ठीक रास्ता दिखाने के लिए अपनी नीतियों में कई ऐसी बातों का जिक्र किया है, जिनके बारे में उनका मानना है कि ये बातें आदमी को कामयाबी की ओर ले जाती हैं साथ ही उन्होंने अपनी नीतियों में ऐसी कई बातें भी बताई हैं, जिनका त्याग आदमी को समय रहते ही कर देना चाहिए। अपनी इन्हीं परफेक्ट बातों और सुझावों के लिए आचार्य चाणक्य की लोकप्रियता काफी अधिक है। आज भी कई आदमी ऐसे हैं जो अपने जीवन के मूल्यों की प्रेरणा चाणक्य नीति से ही लेते हैं। चाणक्य नीति में कई जटिल प्रश्नों का उत्तर बहुत ही साफ और परफेक्ट ढंग से दिया हुआ है, जो लोगों को काफी पसंद आता है। इस लेख में हम आपको यह बताने का कोशिश कर रहे हैं कि आचार्य चाणक्य के मुताबिक एक विद्यार्थी को कैसा होना चाहिए यानि अपने जीवन में सफल होने के लिए विद्यार्थियों को किन चीजों का त्याग करना चाहिए।
शरीर का शृंगार
आचार्य चाणक्य का मानना है कि यदि किसी विद्यार्थियों को कामयाबी प्राप्त करनी है तो उसे अपने शरीर को स्वच्छ तो रखना ही चाहिए, लेकिन शरीर के शृंगार पर अधिक समय व्यर्थ नहीं करना चाहिए, क्योंकि विद्यार्थियों के जीवन में शृंगार का कोई महत्व नहीं होता है। विद्यार्थियों को हमेशा अपनी बौद्धिक शक्ति बढ़ाने के बारे में सोचना चाहिए, सिर्फ़ ऐसा करके ही वह अपने जीवन में सफल हो सकता है।
स्वादिष्ट भोजन की इच्छा
आचार्य चाणक्य के मुताबिक यदि विद्यार्थियों को कामयाबी चाहिए तो उन्हें अपने मन में आने वाली स्वादिष्ट भोजन की ख़्वाहिश को समाप्त करना होगा। विद्यार्थियों को भोजन को सिर्फ़ एक ईंधन के रूप में देखना चाहिए जो उनके शरीर को चलाने के लिए जरूरी है। हर समय अच्छे भोजन की सोच में डूबे रहने से विद्यार्थियों का सिर्फ़ समय बर्बाद होता है और उन्हें कुछ प्राप्त नहीं होता है।
अधिक निंद्रा
आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में बोला है कि विद्यार्थियों को सफल होने के लिए अपनी नींद का त्याग करना चाहिए। उन्हें शरीर के लिए जितना आराम जरूरी है उतना आराम ही करना चाहिए। अधिक आराम की चाह विद्यार्थियों को आलसी बना देती है, जिससे उनका लक्ष्य उनसे काफी दूर हो जाता है।