किसी को डंक मारने के बाद मर जाती हैं मधुमक्खियां, क्या ये सच है जानिए
मधुमक्खियों के बारे में तो हमने बहुत सुना होगा, जिनमें से एक यह भी है कि मधुमक्खियां काटने के बाद मर जाती हैं। लेकिन यह बात कितनी सच है, आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं। दरअसल, यदि देखा जाए तो यह पूरी तरह सच नहीं है। क्योंकि कुछ प्रजाति की मधुमक्खियां काट भी नहीं सकतीं। जबकि कुछ मधुमक्खियां काटने के बाद मर जाती हैं। पेन स्टेट में आणविक, सेलुलर और एकीकृत जैव विज्ञान में डॉक्टरेट के विद्यार्थी एलिसन रेना के अनुसार, दुनिया में मधुमक्खियों की लगभग 20,000 प्रजातियां हैं, जिनमें से सभी डंक मार नहीं सकती हैं।
वहीं एलिसन रे ने बोला कि इंसानों या अन्य स्तनधारियों के काटने से अक्सर मधुमक्खियां मर जाती हैं। यह उनके काटने की शारीरिक रचना के कारण है। वास्तव में, उनके डंक काँटेदार होते हैं, जो त्वचा के अंदर से जुड़े होते हैं। ऐसे मामलों में, डंक स्थान पर रहता है और जहर भी डंक में डाला जाता है। निकोलस नेगर का बोलना है कि मधुमक्खियों की लगभग 10 प्रजातियां अन्य कीड़ों या मकड़ियों के काटने सेनहीं मरती हैं। यह तभी देखा जाता है जब मधुमक्खी को अपने छत्ते पर हमले का डर होता है। मधुमक्खियां अपनी सुरक्षा के लिए दूसरे कीड़ों पर धावा करती हैं।
यदि आप सोच रहे हैं कि इस स्थिति में मधुमक्खियां क्यों नहीं मरती हैं, तो इसका कारण यह है कि आमतौर पर काटने से कीट के पतले एक्सोस्केलेटन को छेदने में कामयाबी मिलती है और काटने के बाद सरलता से निकल जाती है। वहीं आदमी की त्वचा कीड़ों की त्वचा से काफी मोटी होती है, ऐसे में डंक अंदर रहता है। किसी आदमी को काटने के बाद मधुमक्खी उड़ जाती है, लेकिन उसका दंश वहीं रहता है। इस वजह से उसके पेट के अंग भी खिंच जाते हैं, जिससे मधुमक्खी के पेट में केवल एक ही छेद रह जाता है। काटे जाने के बाद वह कुछ घंटों तक जीवित रह सकता है, लेकिन अंग की विफलता के कारण उसकी मौत हो जाती है।