27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर अद्भुत संयोग, आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा विशेष महत्व रखती है। कार्तिक महीने और कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर विशेष रूप से ईश्वर श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है इस दिन पूरी श्रद्धा रेट के साथ ईश्वर विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना करने से सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है। इसलिए आइए जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि-
कार्तिक पूर्णिमा पर शुभ संयोग
इस वर्ष 27 नवंबर के दिन कार्तिक पूर्णिमा पड़ रही है। 26 नवंबर के दिन दोपहर 3 बजकर 53 मिनट से कार्तिक पूर्णिमा तिथि की आरंभ हो रही है, जो 27 नवंबर दोपहर 2 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के चलते 27 नवंबर के दिन ही कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा। कार्तिक पूर्णिमा पर इस वर्ष सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ शिव योग का भी निर्माण हो रहा है, जो बहुत शुभ माना जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- 05:05 ए एम से 05:59 ए एम
अभिजीत मुहूर्त- 11:47 ए एम से 12:30 पी एम
विजय मुहूर्त- 01:54 पी एम से 02:36 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 05:21 पी एम से 05:49 पी एम
अमृत काल- 11:14 ए एम से 12:48 पी एम
निशिता मुहूर्त- 11:42 पी एम से 12:36 ए एम, नवंबर 28
सर्वार्थ सिद्धि योग- 01:35 पी एम से 06:54 ए एम, नवंबर 28
कार्तिक पूर्णिमा पूजा-विधि
कार्तिक पूर्णिमा तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में नदी में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। वहीं, यदि आप नदी में स्नान नहीं कर सकते तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर घर में ही स्नान करें। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूरे विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण की साथ में पूजा करनी चाहिए। इस दिन विष्णु ईश्वर को पीले रंग के फल, फूल और वस्त्र चढ़ाने चाहिए और माँ लक्ष्मी को गुलाबी या लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान चढ़ाना चाहिए। वहीं, कार्तिक पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा पढ़ना पुण्यदायक माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र जल में कच्चा दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखने और इस दिन लक्ष्मी नारायण की वकायदा पूजा करने से घर में सुख-संपत्ति और खुशहाली बनी रहती है।