अक्साई चिन एडवेंचर के शौकीन लोगों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं ये जगह
स्टोक कांगड़ी लद्दाख के सबसे लोकप्रिय आकर्षणों में से एक है। हेमिस नेशनल पार्क में स्थित, स्टोक कांगरी पीक हिंदुस्तान की सबसे ऊंची ट्रेकिंग चोटी है। ओवर टूरिज्म के कारण यह स्थान अब तक बंद है। ऑल लद्दाख टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने पुष्टि की कि स्टोक कांगड़ी 2023 तक ट्रेकिंग और चढ़ाई के लिए इस स्थान पर जाने की अनुमति नहीं है।
अक्साई चिन एडवेंचर के शौकीन लोगों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है। लेकिन अभी यहां जाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। यह झील विवादों से घिरी है। भारतीय कहते हैं कि यह जम्मू और कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र का हिस्सा है। जबकि असल में यह LAC का हिस्सा है। धरती की यह स्थान एक कोल्ड डेजर्ट है, जो आज भी पर्यटकों के आने का प्रतीक्षा कर रही है।
भारत में कई पर्वतारोही दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा पर्वत पर चढ़ने का सपना देखते हैं। लेकिन धार्मिक कारणों से अब यहां जाना वर्जित है। सिक्किम गवर्नमेंट ने 2001 में पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के प्रावधानों के अनुसार कंचनजंगा के लिए अभियानों पर प्रतिबंध लगा दिया था। माना जाता है कि पहाड़ की चोटी पर ईश्वर का निवास है और यहां चढ़कर लोग इसे अपवित्र करते हैं। इसलिए यह दो दशकों से बंद है।
दुनिया की सबसे ऊंची झीलों में से एक, चोलामू झील पर्यटकों के लिए आज भी बंद है। इसे त्सो ल्हामो झील के रूप में भी जाना जाता है। यह तिब्बत सीमा से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां चोलामू झील पर सिर्फ़ सेना और सिक्किम पुलिस या प्रशासन को ही जाने की इजाजत दी गई है।
इसमें कोई शक नहीं है कि अंडमान और निकोबार आइलैंड हिंदुस्तान में घूमने के लिए सबसे खूबसूरत स्थलों में से एक है। हालांकि, पर्यटक यहां नहीं जा सकते। बता दें कि यह हिंदुस्तान का एकमात्र सक्रिय वोल्केनो है। 1991 में, बैरेन आइलैंड में एक बहुत बड़ा विस्फोट हुआ था, जिस कारण इस क्षेत्र के सभी जीव नष्ट हो गए थे। साथ ही पक्षियों की प्रजातियां और जनसंख्या भी कम हो गई थी। हालांकि, यदि आप आइलैंड को देखना चाहते हैं, तो आप एक नाव में बैठकर इसे दूर से ही देख सकते हैं।