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व्यक्ति का मन इन चीजों की वजह से रहता है अशांत, यहाँ जानें चाणक्य नीति

चाणक्य की नीति दुनिया में मशहूर है आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई नीतियों का अनुसरण आज भी लोग करते हैं जीवन के विभिन्न पहलुओं पर आचार्य चाणक्य ने अपने विचार व्यक्त किए हैं आचार्य चाणक्य कहते हैं कि छह चीजें ऐसी हैं, जिसकी वजह से आदमी अशांत रहता है आइए अब चाणक्य नीति के अनुसार, उन छह चीजों के बारे में जानते हैं

1. जिस आदमी का पुत्र उसकी आज्ञा का पालन नहीं करता, उनके बताए गए रास्ते पर नहीं चलता, ऐसे पिता का मन अशांत रहता है इसके साथ ही चाणक्य यह भी बताते हैं कि यदि पुत्र के आचरण से पिता को शर्मिंदगी महसूस होती है तो ऐसे में यह बताया जा सकता है कि पिता-पिता द्वारा उसके लालन-पालन में कहीं चूक हो गई है

2. जिस दिन कोई पिता अपनी बेटी को विधवा होने की सूचना प्राप्त करता है, उसके अगले दिन पिता का मन अशांत रहता है

3. चाणक्य नीति के अनुसार जिस आदमी की पत्नी हमेशा गुस्से में रहती है उस आदमी का दांपत्य जीवन संघर्षों से घिर जाता है जिसकी वजह से आदमी मानसिक रूप से अशांत रहने लगता है आदमी की मानसिक शांति समाप्त हो जाती है

4. जब कोई आदमी हमेशा ऐसा भोजन करता है जो स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है, ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य धीरे-धीरे प्रभावित होने लगती है जब आदमी की स्वास्थ्य खराब हो जाती है तो उसकी मानसिक स्थति भी बिगड़ने लगती है ऐसे में आदमी को हमेशा ऐसा भोजन करना चाहिए जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा है

5. चाणक्य कहते हैं कि आदमी जब अपनी योग्यता से कम योग्यता वाले आदमी के अंदर काम करता है, तो उसे शर्मिंदगी महसूस होती है साथ ही उसका मन अशांत रहता है फिर चाहे योग्यता जाति, धर्म, ज्ञान और बुद्धि की ही क्यों न हो

6. चाणक्य कहते हैं कि आदमी को उस चीज पर अपना ध्यान नहीं लगाना चाहिए जो उसके पास नहीं है बल्कि उसे तो उस चीज पर विश्वास रखकर खुश रहना चाहिए जो उसके पास है ऐसा इसलिए क्योंकि जो आदमी ऐसा करता है वह अपने विवेक और बुद्धि को खो देता है बुद्धि और विवेक को खो जाने से आदमी का मन अशांत रहने लगता है

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