हनुमान जी को चोला चढ़ाने का सही समय और तरीका क्या है, जानिए यहां
Hanuman Ji ki Puja: मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है। हनुमान जी की पूजा में सिंदूर चढ़ाने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि बिना सिंदूर चढ़ाएं हनुमान जी की पूजा अधूरी मानी जाती है। हनुमान जी की पूजा करने पर बल, बुद्धि और विवेक प्राप्त होता है और आदमी भय और कष्ट से मुक्त रहता है। ज्योतिषाचार्य श्रीपति त्रिपाठी के मुताबिक मंगलवार या शनिवार के दिन हनुमानजी को घी या चमेली के ऑयल के साथ सिंदूर अर्पित करने से ईश्वर राम की विशेष कृपा आदमी पर बनी रहती है, इसके साथ ही आदमी के बिगड़े काम बन जाते हैं। वहीं मंगलवार के दिन व्रत रखकर सिंदूर से हनुमानजी की पूजा करने और हनुमान चालीसा का पाठ करने से आदमी का मंगल गुनाह भी दूर होता है। आइए जानते है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी को चोला चढ़ाने का ठीक समय और तरीका क्या है…
हनुमान जी को क्यों चढ़ाया जाता है सिंदूर?
हनुमान जी प्रभु श्री राम के भक्त हैं। मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है। हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि हनुमान जी को सिंदूर का चोला क्यों चढ़ाया जाता है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक ईश्वर श्रीराम का राज्याभिषेक होने के बाद एक दिन हनुमान जी ने देखा कि माता सीता अपनी मांग में सिंदूर लगा रही हैं। हनुमान जी ने माता सीता से पूछा कि आप सिंदूर क्यों लगा रही है। माता सीता ने हनुमान जी से बोला कि मांग में सिंदूर लगाने से प्रभु श्रीराम की उम्र बढ़ती है। इसके बाद हनुमान जी से सोचा कि जब थोड़ी सी सिंदूर लगाने से प्रभु प्रसन्न होते हैं और उम्र बढ़ती है तो पूरे शरीर पर सिंदूर लगाने से वे हमेशा के लिए अमर हो जाएंगे। यही सोचकर हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया। हनुमान जी को देखकर प्रभु श्री राम बहुत प्रसन्न हुए, जब श्रीराम ने इसका कारण पूछा तो हनुमानजी ने उन्हें पूरी बात बता दी। पूरी बात जानकर श्रीराम बहुत प्रसन्न हुए। तभी से हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा प्रारम्भ हुई।
हनुमानजी को चोला चढ़ाने की ठीक विधि
हनुमानजी को चोला चढ़ाने के लिए सबसे शुभ दिन मंगलवार और शनिवार ही हैं। शाम के समय हनुमानजी की पूजा फलदायी होती है। चोला चढ़ाने के लिए सुबह जल्दी स्नान करके लाल रंग के कपड़े पहनना चाहिए। फिर हनुमानजी की प्रतिमा का गंगाजल से अभिषेक करें। इसके बाद सिंदूर में चमेली का ऑयल मिलाकर सबसे पहले हनुमान जी के चरणों में लगाएं और फिर प्रतिमा पर ऊपर से लेकर पैरों तक चोला चढ़ाएं। इसके साथ ही जनेऊ और वस्त्र अर्पित करें। फिर हनुमान जी को चने, गुड़, पान, सुपारी अर्पित करें। इसके बाद धूप-दीप करें। आखिर में हनुमान चालीसा का पाठ और आरती करें। फिर हनुमान जी के चरणों से थोड़ा सा सिंदूर लेकर अपने मस्तिष्क पर लगाएं।
हनुमान जी को चोला चढ़ाने की सामग्री
हनुमान जी को चोला चढ़ाने के लिए श्री हनुमान जी वाला सिंदूर, गाय का घी या चमेली का तेल, सही गंगाजल मिश्रित जल, चांदी या सोने का वर्क या माली पन्ना (चमकीला कागज), धुप, दीप और श्री हनुमान चालीसा का पुस्तक रख लें। इन चीजों में सिंदूर, इत्र, चमेली का तेल, लाल कपड़े की लंगोट और जनेऊ बहुत जरूरी है।
हनुमानजी को चोला चढ़ाने के लाभ
हनुमान जी को चोला चढ़ाने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हनुमान जी आदमी के सारे दुख दूर करते हैं। इसके अतिरिक्त चोला चढ़ाने से मंगल गुनाह भी दूर होता है। मंगल मजबूत होने से जातक को वैवाहिक सुख मिलता है, उसके शादी में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। इसके साथ ही साहस, पराक्रम बढ़ता है। भूमि-संपत्ति के मुद्दे में फायदा होता है।