लाइफ स्टाइल

सिर्फ ताजमहल ही नहीं शाहजहां ने ही बनवाई थी ये भीं ऐतिहासिक इमारते

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क भारत में कई ऐसी जगहें हैं, जहां वर्ष भर लाखों लोग आते हैं इन्हीं में से एक है ताजमहल ताजमहल के बारे में हम सभी जानते हैं यह दुनिया के सात अजूबों में से एक है इसे मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था लेकिन क्या आप जानते हैं कि शाहजहाँ ने अपने शासनकाल में केवल ताजमहल ही नहीं बल्कि कई इमारतों का निर्माण करवाया था

बता दें कि शाहजहां 5वें मुगल बादशाह थे जो अपनी क्रूरता, वास्तुकला और शायरी के लिए जाने जाते थे मुगल बादशाह बनने के बाद उन्होंने 30 वर्ष तक राष्ट्र पर राज किया और ताजमहल सहित कई ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण कराया तो आइए जानते हैं शाहजहाँ द्वारा बनवाए गए 5 स्मारकों के बारे में

लाल किला
भारत में सबसे मशहूर किला शाहजहाँ द्वारा बनाया गया था वैसे उन्हें वास्तुकला का शौक था, इसलिए उन्होंने न सिर्फ़ आगरा में बल्कि राष्ट्र के कई हिस्सों में ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण किया दिल्ली का लाल किला एक अनूठी इमारत है, जिसका निर्माण 1639 में प्रारम्भ हुआ और 1648 में पूरा हुआ किले का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया था, इसलिए इसे लाल किला बोला जाता है यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल शाहजहां द्वारा अपने पूरे दिल और आत्मा के साथ बनाया गया था लेकिन दुख की बात यह है कि स्वयं राजा को भी इस राजमहल में रहने का मौका नहीं मिला निर्माण के 3 वर्ष बाद ही उन्हें किले से दूर जाना पड़ा स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस, राष्ट्र के पीएम हर वर्ष लाल किले से झंडा फहराते हैं

आगरा का किला
यह ताजमहल के बाद आगरा में दूसरा सबसे अधिक देखा जाने वाला स्मारक है कहने को तो आगरा का किला अकबर के शासनकाल में बना था, लेकिन इसकी वर्तमान संरचना का श्रेय शाहजहाँ को जाता है यह एक विश्व धरोहर स्थल है, जो दिल्ली के मशहूर लाल किले से प्रेरित है इस किले के अंदर जहांगीर महल, जहांगीर पैलेस, अकबरी महल, खास महल, अंगूरी बाग, शीश महल, मुसम्मन बुर्ज, दीवान-ए-खास, यमुना गेट, मच्छी भवन, दीवान-ए-आम, जॉन रसेल जैसे कई ऐतिहासिक स्मारक हैं | कोल्विन की कब्र रिक्त जगह हैं

मोती मस्जिद
मोती मस्जिद आगरा किले के अंदर स्थित एक और सुंदर संगमरमर की संरचना है यह ताजमहल के अतिरिक्त शाहजहाँ द्वारा बनवाए गए खूबसूरत स्मारकों में से एक है इसे 1647 में शाहजहाँ के शासनकाल के दौरान बनाया गया था और मस्जिद 1654 में बनकर तैयार हुई थी इसके निर्माण पर कुल 3 लाख रुपए खर्च किए गए बता दें कि मोती मस्जिद का नाम इसकी प्राचीन चमक के कारण ‘पर्ल मस्जिद’ रखा गया है यह अद्भुत स्मारक हमें शाहजहाँ के जुनून और वास्तुकला के प्रति प्रेम को दर्शाता है

जामा मस्जिद
दिल्ली की जामा मस्जिद मुगल वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है यह मस्जिद अपनी भव्यता और खूबसूरती के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है आज भी बहुत से लोग नहीं जानते कि जामा मस्जिद का निर्माण शाहजहाँ ने करवाया था जामा मस्जिद पुरानी दिल्ली का दिल है, जो लाल किले से केवल 1 किमी दूर है और हिंदुस्तान की सबसे बड़ी मस्जिद है इसे बनाने में कुल 6 वर्ष का समय लगा और इसे बनाने में 10 लाख रुपए का खर्च आया ईद के मौके पर यहां भारी भीड़ देखी जाती है

ताज महल
अंत में, हम हिंदुस्तान और दुनिया के सबसे मशहूर स्मारक ताजमहल के बारे में बात करेंगे प्यार की निशानी मानी जाने वाली यह इमारत अपनी खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है यमुना नदी के तट पर स्थित ताजमहल को उनके बेम मुमताज महल की याद में बनवाया गया था पूरी समाधि संगमरमर से बनी है हिंदुस्तान की समृद्धि को दर्शाती यह इमारत 1983 से यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है

Related Articles

Back to top button