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लौंग, इलायची, काली मिर्च की खेती में कम लागत में बम्पर मुनाफा कमाएंगे किसान

छिंदवाड़ा जिले के किसानों, विशेषकर जनजातीय क्षेत्रों के किसानों को अधिक आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए अनुकूल जलवायु के दृष्टिगत जिले में लौंग, इलायची, काली मिर्च एवं तेजपत्ता की खेती का नवाचार किया जा रहा है.

कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक यहां की जलवायु इन मसाला वर्गीय फसलों के उत्पादन के लिए अनुकूल है. कृषकों को इन मसालों की खेती से अवगत कराने और इसके लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से जिला पंचायत सभाकक्ष में एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया.

कार्यशाला में जिले के 39 कृषकों को मसाला वर्ग की लौंग, इलायची, काली मिर्च एवं तेजपत्ता फसल की खेती पर प्रशिक्षण दिया गया.कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने कृषकों को प्रोत्साहित करते हुए बोला कि यदि कृषक भी आगे बढ़ने की इच्छाशक्ति और प्लानिंग के साथ कृषि और उद्यानिकी विभाग के ऑफिसरों के मुनासिब मार्गदर्शन में स्मार्ट वर्क करेंगे, जरूरत के मुताबिक खेती की पद्धति में परिवर्तन करेंगे

नवाचारों को अपनाएंगे तो कृषक भी अधिकतम फायदा उठा सकेंगे.उन्होंने बोला कि यह प्रदेश का इस तरह का पहला नवाचार है, इसकी कामयाबी आपकी रुचि, उत्साह, मेहनत और लगन पर निर्भर करेगी.छिंदवाड़ा मसाले की खेती में बनाएगा पहचान,39किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम में हुए शामिल.

आज कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने कहा कि वैज्ञानिकों की उपस्थिति में जिले के 39 किसानो को मसाले की खेती का प्रशिक्षण दिया गया. कलेक्टर सिंह ने बोला कि छिंदवाड़ा जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में नमी हो वाले स्थानों में खेती की जाएगी.किसानो को एक हेक्टयर में 50हजार रुपए की लागत आएगी और 3साल बाद पहली बार साढ़े तीन लाख रुपए को फसल निकलेगी .किसान एक बार की लागत से वर्षों वर्ष लाखों रुपये कमाएगा. गवर्नमेंट किसानो की अधिक से अधिक योजनाओं का लाभ दिलाकर सहायता करेगी

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