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यहाँ जानिए, क्या कार में बाइक की तरह अलग-अलग होता है फ्रंट और रियर ब्रेक

सोचिये कि यदि गाड़ी को गति देने के लिए इंजन तो बना दिया जाता लेकिन उसे रोकने के लिए ब्रेक ही नहीं होते तो क्या होता? एक तेज रफ्तार गाड़ी को एक्सीडेंट से बचाया जा सके इसलिए उसका ठीक समय पर रुकना महत्वपूर्ण है और गाड़ी ठीक समय पर रुक जाए इसके लिए ब्रेक का समय पर लगना भी महत्वपूर्ण है आपने यदि गौर किया होगा तो देखा होगा कि बाइक और स्कूटर जैसे दोपहिया वाहनों में आगे और पीछे के लिए भिन्न-भिन्न ब्रेक होते हैं दोनों ब्रेक को एक साथ दबाकर बाइक या स्कूटर को शीघ्र रोका जा सकता है लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ऐसा कार के मुद्दे में नहीं होता

अगर कार की बात की जाए तो इसमें एक्सेलरेटर, ब्रेक और क्लच का लीवर दिया जाता है यदि आप कार चलाते हैं तो आपको पता होगा कि कार में आगे और पीछे के लिए भिन्न-भिन्न ब्रेक नहीं होते हैं तो फिर कार के इतना भारी होने के बाद भी उसके ब्रेक इतना अच्छा कैसे काम करते हैं? चलिए आपको बताते हैं

चारों पहियों के लिए एक ब्रेक
कार में आगे और पीछे के लिए भिन्न-भिन्न नहीं बल्कि एक ही ब्रेक होता है कार में ब्रेक को दबाते ही चारों पहियों में एक साथ ब्रेक लगता है आपको बता दें कि कार में ब्रेक को कंट्रोल करने के लिए डुअल चैंबर मास्टर सिलेंडर लगाया जाता है इसका लाभ ये होता है कि कार में सभी ब्रेक एक साथ खराब नहीं होते हैं और एक तरफ के ब्रेक खराब होने पर बाकि ब्रेक अपना काम करते रहते हैं

अलग होते हैं ब्रेक के साइज
कार में इंजन की स्थान के अनुसार ब्रेक की क्षमता को कम या अधिक किया जाता है आजकल की ज्यादातर कारें फ्रंट व्हील ड्राइव होती हैं इन कारों में इंजन आगे की तरफ होता है और इसलिए आगे वजन अधिक होता है इस वजह से इन कारों में आगे पॉवरफुल ब्रेक दिए जाते हैं वहीं, रियर व्हील ड्राइव कारों में पीछे अधिक वजन होने के वजह से पीछे वाले ब्रेक में अधिक पॉवर होता है कार में ब्रेक आगे की तरफ 60 प्रतिशत और पीछे 40 प्रतिशत लगते हैं इससे कार को कुल मिलाकर एक अच्छी ब्रेकिंग पॉवर मिलती है

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