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माइग्रेन और वायरल बुखार के लिए काल है ये आयुर्वेदिक पौधा

वर्तमान समय में जिस प्रकार से हमारे जीवन शैली में बदलाव हो रहे हैं उससे कई तरह की बीमारियां भी लोगों को परेशान करने लगी है उसमें सबसे अधिक माइग्रेन की कम्पलेन देखने को मिल रही है जिससे राहत पाने के लिए लोग विभिन्न प्रकार की दवाइयां का भी इस्तेमाल करने लगे हैं लेकिन कई बार उन्हें राहत नहीं मिल पाती ऐसे में यदि आयुर्वेदिक पद्धति की बात की जाए सहदेवी नामक पौधे को काफी उपयोगी माना जाता है जो माइग्रेन सहित विभिन्न प्रकार की रोंगों को दूर करता है

चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी परिसर में संचालित बॉटनी विभागाध्यक्ष एवं मेडिसिन पौधों के एक्सपर्ट प्रोफेसर विजय मलिक बताते हैं कि वह पिछले 25 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में ही कार्य कर रहे है वह कहते हैं कि प्रत्येक पेड़ पौधे में कोई ना कोई आयुर्वेदिक खूबियां होती है इसी ढंग से एक सहदेवी नामक छोटा सा पौधा भी होता है जिसके प्रत्येक पार्ट में औषधि देखा जाना है उन्होंने आगे कहा, ‘ इस पौधे की जो रूट काफी काम की होती है यदि इसका इस्तेमाल बुखार के समय काढ़े के रूप में 40 से 50 मिली तक लिया जाए तो इससे हर तरह के वायरल बुखार को ठीक करने में सहायता मिलती है वहीं दूसरी ओर इसकी पत्तियों को पीसकर उसका लेप बनाकर यदि हम शरीर के किसी भी जगह पर कोई भी घाव पर लगाए तो विभिन्न प्रकार के संक्रमण को दूर करते हुए घाव को ठीक करने में भी काफी सहायता मिलेगी’

यूरिन से संबंधित रोग को ठीक करते हैं बीज
सहदेवी पौधे पर जो बीज आते हैं उनका भी मेडिसिन तौर पर काफी इस्तेमाल किया जाता है इसके बीज में ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं जो यूरिन से संबंधित विभिन्न प्रकार के संक्रमण को दूर करने में सहायक माने जाते हैं इसका काढ़े के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं इतना ही नहीं यदि किसी आदमी को माइग्रेन के दर्द से संबंधित कोई भी परेशानी है वह नहाने से 30 मिनट पहले इसकी पत्तियों को नारियल के ऑयल में मिलाकर सिर की मालिश कर सकते हैं उससे सिर दर्द में काफी राहत मिलेगी गौरतलब है कि कई प्रकार की और भी इसमें औषधि गुण पाए जाते हैं जो संक्रमण को दूर करने में सहायता करते हैं

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