लाइफ स्टाइल

नहीं बदला इस लिट्टी चोखा का स्वाद, लोग चट कर जाते हैं 500 पीस

 बोकारो आज राष्ट्र के सभी क्षेत्रों में लिट्टी चोखा बड़े ही चाव के साथ खाया जाता है, क्योंकि लिट्टी टेस्टी होने के साथ पोषण से भरपूर होती है यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के साथ भूख को भी मिटाती है, इसलिए सभी वर्ग के लोग इसे खाना पसंद करते हैं ऐसे में यदि आप में  और चटनी कास्वादिष्ट गर्मा गर्म घी में डुबी लिट्टी के साथ चटपटा चोखा आनंद लेना चाहते हैं तो बोकारो के चास मैन रोड पर स्थित शंकर लिट्टी स्टॉल खास अपनी घी की लिट्टी के लिए प्रसिद्ध है जहां दूर दूर से लोग लिट्टी खाने के लिए आते हैं

लिट्टी स्टॉल के संचालक 70 वर्षीय दुलाल मोदक ने मीडिया कहा कि वह बीते 20 वर्ष से लिट्टी चोखा बेच रहे हैं और उनके यहां ग्राहक मात्र 8 रुपय में लिट्टी का स्वाद ले सकते हैं वहीं 10 रुपए में ग्राहक घी वाली लिट्टी चोखा का आनंद ले सकते हैंं, जो स्वाद से भरपूर होता है

देखते ही देखते 500 पीस की बिक्री
लिट्टी बनने कि खास प्रक्रिया को लेकर दुलाल मोदक ने कहा कि सबसे पहले आटे को अच्छे से गूंथ कर छोटी-छोटी आटे की लोई तैयार की जाती है फिर उसमें सत्तू भरा जाता है और आखिर में कोयले की आंच में लिट्टी को पकाकर ग्राहक को आलू का चोखा, हरी चटनी, प्याज के साथ परोस दिया जाता है वहीं रोजाना उनके स्टॉल पर 20 किलो आटा और 8 किलो सत्तू की खपत होती है रोजाना  300 से लेकर 500 पीस लिट्टी बिक जाती है

हर महीने 12 से 15,000 रुपए की आमदनी
संचालक दुलाल ने कहा कि उनके यहां लिट्टी की किमत कम है, क्योंकि उनका उद्देश्य सभी वर्ग के लोगों को कम पैसे में गुणवत्तापूर्ण भोजन कराना है उन्होंने कहा कि उनका यात्रा काफी संघर्षपूर्ण रहा है और वह लिट्टी स्टॉल के संचालन से पहले वह चास के प्रभात होटल के पास चाय बेचते थे | वहीं, आज वह लिट्टी के स्टॉल से हर महीने 12 से 15,000 रुपए की आमदनी कर लेते हैं और उनकी दुकान प्रतिदिन दोपहर 2:00 बजे से लेकर रात के 10:00 बजे तक खुली रहती है

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