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नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय चैती छठ शुरू

बोकारो नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय चैती छठ प्रारम्भ हो गया है. शनिवार को दिन भर उपवास रखने के बाद शाम को व्रती खरना का प्रसाद बनाएंगे. उसके बाद पूजा-अर्चना कर सभी व्रती खरना का प्रसाद ग्रहण करेंगे. उसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारम्भ हो जाएगा. 14 अप्रैल की शाम को विभिन्न छठ घाटों में व्रती अस्ताचलगामी ईश्वर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे. वहीं दूसरे दिन सुबह उदीयमान ईश्वर मीडिया को अर्घ्य अर्पित किया जाएगा. छठ को लेकर बाजार भी पूरी तरह से सज चुकी है. बाजारों में हल्दी और अदरख के पौधे, संतरा, केला, सेव, बेर, अमरूद, मूली, गाजर, गागल नींबू, बादाम, सूप, दउरा, चूल्हा, आम की लकड़ी, ईख सहित हर तरह की पूजन सामग्री की बिक्री प्रारम्भ हो गई है. शहर के टू-टैंक गार्डेन, कुलिंग पौंड, गरगा नदी, गरगा डैम, सूर्य सरोवर सहित कई छठ घाटों में अर्घ्य अर्पित किया जाएगा. उसके लिए जो जिस घाट पर व्रत करते हैं, उनके घर के सदस्य स्वयं ही घाटों की सफाई का काम पूरा कर चुके हैं. पंडितों के मुताबिक इस बार चैती छठ महापर्व पर कई अच्छे संयोग बन रहे हैं. चैत शुक्ल पक्ष षष्ठी रविवार को पहला अर्घ्य है. रविवार के स्वामी ईश्वर सूर्य हैं. सूर्य उपासक इस दिन उपवास रखकर ईश्वर सूर्य की पूजा करते हैं. 3 साल के बाद चैती छठ पूजा का पहला अर्घ्य रविवार को पड़ रहा है. हालांकि हिंदू पंचांगों में शनिवार अपराह्न 3:56 बजे से रविवार अपराह्न 3:31 बजे तक षष्ठी तिथि है. छठ पूजा शुक्ल पक्ष का पर्व है. इसलिए उदया तिथि के आधार पर रविवार को पहला अर्घ्य अर्पण किया जाएगा. चैती पूजा के पहला अर्घ्य पर आद्रा नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है. रविवार सुबह 4:46 बजे से आद्रा नक्षत्र प्रवेश कर जाएगा जो 24 घंटे रहेगा. सौभाग्य योग, अमृत और सर्वार्थ सिद्धि का योग बना रहा है. सूर्यदेव छठ व्रतियों को मनोवांछित फल प्रदान करेंगे. पंचमी तिथि में मृगशिरा नक्षत्र और सौभाग्य योग का संयोग, षष्ठी तिथि में आद्रा नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग में ईश्वर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे व्रती, पंचमी तिथि में शुक्रवार शाम 4:50 बजे से शनिवार अपराह्न 3:55 बजे तक, षष्ठी तिथि में शनिवार अपराह्न 3:56 बजे से रविवार अपराह्न 3:31 बजे तक, 13 को सूर्य मेष राशि में करेंगे प्रवेश व्रतियों को इच्छित फल की प्राप्ति होती है. शनिवार (13 अप्रैल) को सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे. मेष राशि में सूर्य बलवान हो जाते हैं. शनिवार को ही खरना पड़ रहा है. पंडित निर्मल कुमार पांडेय के मुताबिक पंचमी तिथि को खरना के दिन मृगशिरा नक्षत्र और सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है. संतान, संतति और सौभाग्य प्राप्ति के लिए यह संयोग शुभकारी है. पवित्रता और शुद्धता का रखा जाता है भरपूर ख्याल छठ व्रती छठ पूजा पर पवित्रता और शुद्धता का विशेष ध्यान रखते हैं. ज्योतिष पंडित निर्मल कुमार पांडेय ने बोला कि छठ पर्व में शारीरिक और मानसिक पवित्रता महत्वपूर्ण होती है. इसमें चूक नहीं होनी चाहिए. षष्ठी तिथि को विशेष खगोलीय बदलाव होता है. सूर्य की पराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर अधिक मात्रा में होती है. इस दौरान उसके संपर्क में रहना फायदेमंद है. मान्यता है कि इस दिन सूर्य की किरणों में रोगों को नष्ट करने की शक्ति होती है.

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