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जीवन में नहीं करनी चाहिए ये 13 गलतियां

मथुरा-वृन्दावन के मशहूर संत प्रेमानंद महाराज ने जीवन में इन 13 गलतियों को न करने की राय दी है उन्होंने बोला कि यदि जीवन में सफल होना है तो मेरी इन बातों को बहुत ध्यान से सुनना महाराज जी ने अपने कथन में दो श्लोकों की चर्चा की जिसमें एक श्लोक में 6 गुनाह और दूसरे श्लोक में 7 गुनाह हैं किसी को कभी भी इन दोषों को अपने अंदर टिकने नहीं देना चाहिए आइए जानते हैं क्या हैं वह 13 दोष

पहले श्लोक में पहला दोष
जो अपने मुख से अपनी बड़ाई और प्रशंसा करते हैं उसके पुण्य और बुद्धि करप्ट हो जाती है उन्होंने बोला कि यह गुनाह बहुत प्रभावशाली है दूसरा दोष- जो लोग हिंसा, छल कपट चोरी और गलत ढंग से शीघ्र धन कमाने की चाह रखते है उसके पास धन आएगा पर कुछ समय के लिए फिर सब कुछ नष्ट कर जाएगा तीसरा दोष- जो तनिक सा भी अपमान होने पर बहुत क्रोध करके दूसरे का अपकार करने लगता है यह आपका पतन करा देगा चौथा दोष- जो लोग दिनभर बेवजह बैठे-बैठे छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करते रहते हैं यह स्वभाव आपकी दुर्गति कर देगा पांचवा दोष- यदि कोई भाग कर आपके पास आ गया पशु, पक्षी या कोई मित्र यदि उसकी रक्षा नहीं की तो यह भी आपके नष्ट का कारण बनेगा और छठा दोष- निडर और खुश होकर यदि कोई भी मनुष्य पाप करता है तो उसका नाश पक्का है

दूसरे श्लोक का पहला दोष
जो लोग संभोग का ही चिंतन करते है और उनका मन केवल संभोग करने में ही लगता है दूसरी महिलाओं की तरफ काम दृष्टि और भोग रेट से ही केवल देखते हैं उसके पुण्य खत्म हो जाते हैं साथ ही निश्चित नाश और दुर्गति होनी तय है दूसरा दोष- किसी के साथ अच्छा व्यवहार और किसी के साथ खराब व्यवहार करने वाला कभी खुश नहीं रहता तीसरा  दोष- जो केवल यह सोचता है कि केवल मुझे सम्मान मिले ऐसी सोच रखने वाले के सभी पुण्य नष्ट हो जाते हैं चौथा दोष- जो रुपए देने की बात कहकर मुकर जाते हैं या रुपए देने के बाद दुख मानते हैं ये तुम्हारी दुर्गति का कारण बन जाएगा

प्रेमानंद महाराज ने कहा कैसे करें इन 13 दोषों का त्याग
पांचवा दोष- न परिवार को सुख न संसार को सुख दे पाने वाला आदमी जो केवल हर समय धन की चिंता करता है, बस रुपया की ही हर समय चर्चा करने वाला मनुष्य महिला या पुरुष कभी खुश नहीं रह सकता छठा दोष- बालक, स्त्री, असहाय, पागल जो इनकी रक्षा न करके इनकी नुकसान करता है उसकी दुर्गति निश्चित है सांतवा दोष- जो अपने घर के बड़े बुजुर्गों के साथ गलत व्यवहार करता है, उसकी दुर्गति निश्चित होगी प्रेमानंद महाराज ने कहा कि भजन, भागवत प्रथना के बल से इन दोषों का त्याग कर दो जीवन मंगलमय हो जाएगा

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