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जानिए, राम नवमी पर किस समय होगा रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक

अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में राम नवमी के अवसर पर रामलला के ललाट यानी माथे पर सूर्य की रोशनी आएगी और ऐसा लगेगा जैसे ईश्वर भाष्कर स्वयं श्रीराम का तिलक कर रहे हों. यह दावा श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की भवन निर्माण समिति ने किया था. शुक्रवार को यहां हुई निर्माण समिति की बैठक में इसे लेकर स्थिति साफ की गई. दूसरे दिन सर्किट हाउस में हुई बैठक में सीबीआरआई के वैज्ञानिकों की टीम के प्रेजेंटेशन के बाद तय हो गया है कि इस राम नवमी के अवसर पर रामलला के ललाट पर सूर्य किरणों से अभिषेक किया जाना संभव नहीं हो पाएगा. वैज्ञानिकों ने यह कोशिश जरूर किया था कि 161 फिट ऊंचे शिखर के निर्माण से पहले ही किसी कोण से सूर्य किरणों को परावर्तित कर रामलला के ललाट तक पहुंचाया जाए लेकिन उनकी तकनीक कारगर नहीं हुई. इसके कारण तय किया गया कि शिखर निर्माण के बाद ही यह प्रयोग किया जाएगा.

श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय ने इसकी पुष्टि की. उन्होंने बोला कि वैज्ञानिकों की तकनीक शिखर पूरा होने पर ही काम करेगी. उन्होंने राम नवमी मेला की तैयारियों के संबंध में कहा कि कई विषयों पर मंथन चल रहा है.

उन्होंने बोला कि  रामनवमी पर 25 से 30 लाख भक्त आएंगे लेकिन एक दिन में इतने लोग नहीं आ सकते. इससे जाहिर है कि वह दो चार दिन पहले से आएंगे तो स्वाभाविक है कि उनकी वापसी में दो दिन लगेंगे. इस दौरान परेशानी यह होगी कि उन्हें भोजन कहां मिलेगा. रात्रि निवास कैसे करेंगे. शौचालय की प्रबंध कहां होगी, ट्रैफिक कंट्रोल कैसे होगा. ईश्वर के दर्शन कैसे होंगे . इसकी चिंता की जा रही है.

प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब तक कम से कम सवा करोड़ श्रद्धालुओं ने किया दर्शन:
तीर्थ क्षेत्र महासचिव ने कहा कि 10 मार्च को लगभग सवा दो लाख लोगों ने रामलला के दर्शन किया . इसी तरह 17 मार्च को लगभग डेढ़ लाख लोगों ने दर्शन किए. सामान्यतया रोजाना सवा लाख लोगों के दर्शन करने का आंकड़ा आता है. टेक्नोलॉजी के आधार पर हेड एकाउंट के सॉफ्टवेयर सीसीटीवी कैमरा में फिट है. उनके आंकड़े बताते हैं कि यहां 14 घंटे में सवा लाख डेढ़ लाख लोग आ रहे हैं.

किसी भी सामान्य नागरिक को अधिक से अधिक एक घंटा लाइन में लगता है और दर्शन करके बाहर आ जाता है. सामान्य दर्शनार्थियों को ईश्वर के दर्शन अधिक अच्छे होते हैं. उन्होंने बोला कि सुगम दर्शन और वीआईपी दर्शन की अपेक्षा करने वालों से अपील की कि दोनों प्रकार के दर्शनों से अपने को बचाएं .

राम मंदिर में नि: शुल्क दर्शन की व्यवस्था, समय बचाने के लिए किसी को धन न दें:
तीर्थ क्षेत्र महासचिव ने बोला कि अयोध्या में किसी भी मंदिर में कभी भी पैसा लेकर दर्शन करने की कोई परंपरा नहीं रही है . हनुमानगढ़ी में सदा सर्वदा लाखों लोग आते हैं. यहां कोई पैसा लेकर दर्शन नहीं होता. राम जन्मभूमि का मंदिर अभी कुल दो महीने का है लेकिन लोगों ने तरह-तरह के रास्ते निकाल लिए हैं. अनेक लोगों ने कुछ गैर कानूनी काम करने प्रारम्भ कर दिए हैं.

एक विदेश का नागरिक जो ईश्वर की कृपा से मेरा पुराना परिचित था वह आकर खड़ा हो गया और कहता है मैं दो हजार देकर दर्शन किया है.मेरा समाज से आग्रह है किसी के भुलावे में न फंसे, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ऐसी कोई योजना नहीं बनाई और किसी को अधिकार नहीं दिया. उन्होंने पुलिस प्रशासन से ऐसे अपराधिक कृत्य करने वालों पर सख्त कार्रवाई करें.

होली में प्राकृतिक रंगों के प्रयोग की भी सबको दी सलाह:
तीर्थ क्षेत्र महासचिव ने सबको राय दी है कि होली में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करें. रसायनिक रंग त्वचा के लिए हानिकारक है. उन्होंने कहा कि रामलला के लिए उनके पास कचनार के फूलों का गुलाल रिसर्च बाटनिकल इंस्टीट्यूट लखनऊ से आया है. उसे ईश्वर को समर्पित किया जाएगा. उन्होंने लखनऊ के बोटैनिकल इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों के प्रति आभार व्यक्त किया.

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