चैत्र नवरात्र के आठवें दिन ऐसे करें माता महागौरी की पूजा
चैत्र नवरात्र का आठवां दिन 16 अप्रैल दिन मंगलवार को है। इस दिन दुर्गा जी के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि मां महागौरी का राहु ग्रह पर नियंत्रण है। राहु गुनाह से निवारण के लिए इनकी पूजा जरूरी है। महागौरी की आराधना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं और समस्त दुखों का नाश होता है। माता महागौरी धन-वैभव की देवी है। धन-वैभव देने वाली माता महागौरी को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के आठवें दिन आपको क्या तरीका करने चाहिए। आइए जानते है वेद प्रकाश शास्त्री से पूजा विधि और इस दिन का महत्व…
चैत्र नवरात्रि 2024 अष्टमी तिथि
नवरात्रि के आठवें दिन महा अष्टमी मनाई जाती है। महाअष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है, इस बार चैत्र शुक्ल की अष्टमी तिथि 15 अप्रैल 2024 को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से प्रारम्भ होगी और 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 01 बजकर 23 मिनट पर खत्म होगी। चैत्र नवरात्रि में महाष्टमी 16 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी। शहर के मुताबिक समय में थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है।
चैत्र नवरात्रि 2024 नवमी तिथि
चैत्र शुक्ल की नवमी तिथि 16 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 23 मिनट से प्रारम्भ होकर 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 03 बजकर 14 तक रहेगी। नवरात्रि की महानवमी 17 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी, इस दिन देवी की नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इसी दिन नवरात्रि व्रत का पारण जाएगा। चैत्र नवरात्रि की महानवमी पर राम नवमी यानी प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा।
मां महागौरी का प्रिय भोग और पुष्प
मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी को मोगरे का फूल अति प्रिय है। इस दिन मां के चरणों में मोगरे के फूल को अर्पित करना शुभ माना गया है। इसलिए हो सके तो माता को मोगरे के फूलों से बनी माला अर्पित करें। इसके साथ ही मां को नारियल की बर्फी और लड्डू अवश्य चढ़ाएं। क्योंकि मां का प्रिय भोग नारियल माना गया है।
कैसे करें माता गौरी को प्रसन्न
माता गौरी की पूजा में सोलह चीजें जैसे फल,फूल, सुपारी, पान, लड्डू, मिठाई, 16 चूड़ी, 7 अनाज, फूल की 16 माला आदि चढ़ानी चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि पूजा में 16 चूड़ियां अर्पण करने से माता खुश होती हैं। पूजा के समय मंगला गौरी व्रत की कथा जरूर पढ़नी और सुननी चाहिए।
मां महागौरी की पूजा विधि
मां महागौरी की पूजा करने के लिए सुबह स्नान कर सफेद रंग के वस्त्र धारण करें। फिर मां महागौरी की मूर्ति या तस्वीर को गंगाजल से साफ कर लें। मां महागौरी को सफेद रंग अतिप्रिय है। इसलिए माता महागौरी को सफेद रंग के पुष्प अर्पित करें। मां को रोली और कुमकुम का तिलक लगाएं, फिर मिष्ठान, पंच मेवा और फल अर्पित करें। अष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा करते समय उन्हें काले चने का भोग लगाना चाहिए। अष्टमी तिथि के दिन कन्या पूजन भी शुभ माना जाता है। इसके बाद आरती और मंत्रों का जाप करें। फिर दुर्गासप्तशती का पाठ करें।
मां का ध्यान मंत्र
श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः.
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
माता महागौरी की ध्यान
वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्.
सिंहरूढ़ा चतुर्भुजा महागौरी यशस्वनीम्॥
पूर्णन्दु निभां गौरी सोमचक्रस्थितां अष्टमं महागौरी त्रिनेत्राम्.
वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालंकार भूषिताम्.
मंजीर, हार, केयूर किंकिणी रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥
प्रफुल्ल वंदना पल्ल्वाधरां कातं कपोलां त्रैलोक्य मोहनम्.
कमनीया लावण्यां मृणांल चंदनगंधलिप्ताम्॥
महागौरी की स्तोत्र पाठ
सर्वसंकट हंत्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्.
ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाभ्यहम्॥
सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदीयनीम्.
डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाभ्यहम्॥
त्रैलोक्यमंगल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्.
वददं चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥
माता महागौरी की कवच
ओंकारः पातु शीर्षो मां, हीं बीजं मां, हृदयो.
क्लीं बीजं सदापातु नभो गृहो च पादयो॥
ललाटं कर्णो हुं बीजं पातु महागौरी मां नेत्रं घ्राणो.
कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा मा सर्ववदनो॥
महागौरी माता की आरती
जय महागौरी जगत की माया. जया उमा भवानी जय महामाया..
हरिद्वार कनखल के पासा. महागौरी तेरा वहां निवासा..
चंद्रकली और ममता अंबे. जय शक्ति जय जय मां जगदंबे..
भीमा देवी विमला माता. कौशिकी देवी जग विख्याता..
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा. महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा..
सती ‘सत’ हवन कुंड में था जलाया. उसी धुएं ने रूप काली बनाया..
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया. तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया..
तभी मां ने महागौरी नाम पाया. शरण आनेवाले का संकट मिटाया..
शनिवार को तेरी पूजा जो करता. मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता..
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो. महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो..