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क्या आपको भी घूमना-फिरना पंसद हैं, अगर हां, तो…

राजस्थान न्यूज डेस्क !! जयपुर एक ऐसा शहर है जो देशी-विदेशी पर्यटकों के दिल में बसता है. यहां पर्यटकों का तांता लगा रहता है. युवाओं की भीड़ जुटती है हर कोई एक बार इस शहर की सैर करना चाहता है. इसकी विरासत और इतिहास को करीब से देखना चाहता है यहां की संस्कृति, रहन-सहन और खान-पान के साथ-साथ पर्यावरण का भी आनंद लेना चाहता है. यही वजह है कि कॉलेज जाने वाले और कपल्स यदि कहीं घूमने जाना चाहते हैं तो जयपुर को चुनते हैं. इस गुलाबी शहर का अपना ही रंग और मिजाज है यहां घूमने लायक कई जगहें हैं जहां आप यादें संजोकर रख सकते हैं.

यह शहर न केवल भारतीय बल्कि विदेशी पर्यटकों के दिलों में भी बसता है. विदेशी पर्यटक भी जयपुर आते हैं और यहां के पर्यटन स्थलों का भ्रमण करते हैं. राजस्थान की राजधानी जयपुर को डाक्टर सीवी रमन ने “महिमा का द्वीप” बोला था. दिल्ली से इस शहर की दूरी लगभग 268 किमी है. आप इस शहर में किसी भी वीकेंड पर सरलता से जा सकते हैं.

!जल महल जयपुर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है. यह यात्रियों और पर्यटकों के लिए एक बहुत बढ़िया स्थान है और इसके साथ ही इस जलीय स्मारक के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य हैं जो अभी भी लोगों को नहीं पता हैं. मान सागर झील के बीच में स्थित जल महल हिंदुस्तान के सबसे खूबसूरत स्मारकों में से एक है. झील का एक किनारा पहाड़ों, मंदिरों और किलों से घिरा हुआ है और दूसरा किनारा जयपुर के हलचल भरे शहर से घिरा हुआ है. आइए हम आपको इस बहुत बढ़िया जलीय स्मारक के बारे में कुछ रोचक तथ्यों से परिचित कराते हैं. जल महल का निर्माण राजपूत और मुगल स्थापत्य शैली को मिलाकर बनाया गया था. यह संपूर्ण संरचना लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है. 3. जल महल हिंदुस्तान के अन्य जल महलों की तरह किसी द्वीप पर नहीं बना है. इस इमारत की पांच में से चार मंजिलें झील के पानी में डूबी हुई हैं. पानी के ऊपर सिर्फ़ 1 मंजिल दिखाई दे रही है.

माना जाता है कि जल महल का निर्माण सूखे के दौरान किया गया था. इसलिए यह महल सामान्य स्थिति में बनाया गया था. जब इसे पहली बार बनाया गया था, तो पूरी संरचना साफ रूप से देखी जा सकती थी. यह थोड़ा आश्चर्य की बात है, लेकिन महल के अंदर किसी भी कोने से पानी का रिसाव नहीं होता है. महल बहुत मजबूत पत्थरों से बनाया गया है और इसकी दीवारें इतनी मोटी बनाई गई हैं कि इसके अंदर पानी का रिसाव न हो.6. कुछ सुरक्षा कारणों से पर्यटकों को इस महल के अंदर जाने की अनुमति नहीं है. इस महल को आप थोड़ी दूरी से देख सकते हैं.

पुरानी कहानियों के मुताबिक इस महल का निर्माण निवास के रूप में किया गया था. जब राजपरिवार बत्तख के शिकार के लिए आता था तो इसी महल में रुकता था.8. एक समय यह महल जीर्ण-शीर्ण हालत में था जिसके कारण इसकी कई बार मरम्मत करानी पड़ी ताकि पानी जमा होने की कोई परेशानी न हो और यह संरचना अपनी मूल सुंदरता के साथ बरकरार रह सके.9. जल महल की खूबसूरती के अतिरिक्त यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र, प्रवासी पक्षियों का आगमन भी है. आप जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग 8 के माध्यम से जल महल तक पहुंच सकते हैं. यह जयपुर में आमेर महल के पास स्थित है. अपने बहुमूल्य सुझाव और अनुभव नीचे साझा करें

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