इस मंदिर में शीतला स्वरूप में विराजमान हैं मां दुर्गा
पिथौरागढ़ मुख्य शहर से 3 किमी की दूरी पर स्थित है वरदानी देवी मंदिर। यह मंदिर मां भगवती के शीतला स्वरूप को समर्पित है। चंडाक जाने वाली सड़क पर मुख्य सड़क से लगभग 75 मीटर नीचे की ओर मां भगवती का यह सुंदर मंदिर स्थित है। माना जाता है कि इस क्षेत्र में गुलदार मैय्या की रखवाली करते हैं और इस क्षेत्र में वास्तव में सबसे अधिक गुलदार देखे जाते हैं।
शेर करते हैं मंदिर की पहरेदारी
वरदानी देवी को वरदान देने वाली देवी के रूप में यहां के लोग पूजते हैं। वरदानी मंदिर से पिथौरागढ़ शहर का खूबसूरत नजारा देखने भी लोग यहां काफी संख्या में पहुंचते हैं। मंदिर के छत पर आठ शेरों की मूर्ति चारों ओर बनाई गई है, जो इस बात को दर्शाती है कि यहां शेर मंदिर की रखवाली करते हैं। मंदिर से लगा गांव बजेटी सबसे अधिक गुलदार प्रभावित क्षेत्र भी है।
नवरात्रों में होती है विशेष पूजा
यहां हर वर्ष नवरात्र के मौके पर भक्तों की भीड़ देखी जा सकती है। यहां उठने वाले मां भगवती के देवडोले का आशीर्वाद लेने बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। मंदिर के निर्माण के पीछे भी वजह भी शेर ही है।
मंदिर के पीछे की कहानी
बजेटी गांव के क्षेत्रीय निवासी जीवन लाल ने मंदिर निर्माण की कहानी बताते हुए बोला कि यहां शुरुआती समय में एक छोटा सा थान हुआ करता था। जिसकी पूजा लोग किया करते थे। फिर एक दिन उनके गांव की एक स्त्री इस जगह पर आराम कर रही थी, तो उनके सपने में भगवती अपने शेर के साथ दिखाई दी। तभी से सभी गांव वालों ने और यहां उस समय के मैग्नेसाइट फैक्ट्री के मालिक झुनझुनवाला के योगदान से इस छोटे से मंदिर को भव्य रूप दिया गया। वरदानी मंदिर शहर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। जहां शांति का अनुभव करने लोग पहुंचते हैं। यहां से दिखने वाले खूबसूरत नजारे भी सभी को खूब पसंद आते हैं।