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फरवरी में कब से शुरू होगी गुप्त नवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और घटस्थापना का सही समय

Magh Gupt Navratri 2024: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है नवरात्रि साल में चार बार आती है जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अतिरिक्त दो गुप्त नवरात्रि पड़ती है पहली गुप्त नवरात्रि माघ मास में और दूसरी आषाढ़ मास में आती है गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के अतिरिक्त मां भगवती दुर्गा के दस महाविद्याओं की पूजा होती है माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक गुप्त नवरात्रि को गुप्त साधना और विद्याओं की सिद्धि के लिए जरूरी माना जाता है मां दुर्गा के इन स्वरूपों की पूजा होती है तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता चित्रमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूम्रवती, माता बगलामुखी, मातंगी, कमला देवी की पूजा होती है

माघ गुप्त नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त

गुप्त नवरात्रि माघ महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तक चलती है पंचाग के मुताबिक इस वर्ष माघ गुप्त नवरात्रि की आरंभ 10 फरवरी 2024 दिन शनिवार से हो रही है वहीं गुप्त नवरात्रि कि समापन 18 फरवरी 2024 दिन रविवार को होगी गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी से 18 फरवरी तक पूरे 9 दिन रहेगी माघ महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 10 फरवरी 2024 की सुबह 04 बजकर 28 मिनट से 11 फरवरी की रात्रि 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगी घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 10 फरवरी 2024 की सुबह 08 बजकर 45 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 10 मिनट तक है घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 1 घंटा 25 मिनट है

पूजा करने की सामग्री

मां दुर्गा की प्रतिमा-चित्र, आसन, चौकी, सिंदूर, केसर, कपूर, जौ, धूप, वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सुगंधित तेल, बंदनवार आम के पत्तों का, मेंहदी, बिंदी, सुपारी साबुत, लाल पुष्प, दूर्वा, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, कमलगट्टा, जौ, बंदनवार, आसन, रेत, मिट्टी, पान, लौंग, इलायची, कलश मिट्टी या पीतल का, हवन सामग्री, पूजन के लिए थाली, श्वेत वस्त्र, दूध, दही, दीपक, दीपबत्ती, नैवेद्य, मधु, शक्कर, पंचमेवा, जायफल, जावित्री, नारियल, ऋतुफल, सरसों सफेद और पीली, गंगाजल आदि

मां दुर्गा की ऐसे करें पूजा

गुप्त नवरात्रि के दौरान तांत्रिक और अघोरी मां दुर्गा की आधी रात में पूजा करते हैं मां दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित कर लाल रंग का सिंदूर और सुनहरे गोटे वाली चुनरी अर्पित की जाती है मां के चरणों में पूजा सामग्री को अर्पित करते है मां दुर्गा को लाल पुष्प प्रिय है सरसों के ऑयल से दीपक जलाकर ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए

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