टमाटर महंगे हुए तो दो भाइयों ने स्कूल छोड़ा और लग गए इस काम में
अक्सर हम किसानों की प्रेरक कहानियां सुनते हैं। ऐसी ही एक कहानी है कर्नाटक के चामराजनगर तालुक के लक्ष्मीपुरा में रहने वाले दो किसान भाइयों की। राजेश और नागेश नाम के किसान टमाटर की खेती करने के लिए प्रेरित हुए। पढ़ाई में उनकी रुचि नहीं थी तो वे अपने माता-पिता के साथ खेती-किसानी में लग गए।
भाइयों ने इस सीज़न में 12 एकड़ ज़मीन पर टमाटर उगाने का निर्णय किया, जिसमें उनकी अपनी ढाई एकड़ ज़मीन थी और बाकी पड़ोस की ज़मीन थी। राजेश और नागेश ने कृषि की समस्याओं जैसे कीड़ों की परेशानी को भी निकट से हैंडल किया। हालांकि, टमाटर की कीमतें आसमान छूने से उनकी किस्मत पलट गई।
दो फसलों से हुई इतनी भारी कमाई
पहली दो फसलों में उन्हें 40 लाख रुपये की भारी आय हुई और बाकी फसलों से उन्हें 80 लाख रुपये तक की आय की आशा है। राजेश और नागेश द्वारा अपने खेत में उगाए गए टमाटरों की मूल्य आरंभ में 100 रुपये प्रति किलोग्राम थी। कुल मिलाकर, उन्होंने अब तक 2000 बक्से बेचे हैं, जिनमें से प्रत्येक का वजन 30 किलोग्राम है और कुल 40 लाख रुपये का फायदा कमाया है। केरल और तमिलनाडु से व्यापारी उनका टमाटर खरीदने आ रहे हैं।
पिता को है गर्व
उनके पिता कृष्णाशेट्टी को अपने बच्चों की उपलब्धियों पर गर्व है और वे उनके लिए प्रेरणास्रोत हैं। अब टमाटर की खेती से जो पैसा उन्होंने कमाया है, उससे वे अपना घर बनाना चाहते हैं और अपनी जमीन खरीदना चाहते हैं।
यह पहली बार नहीं है कि टमाटर की खेती से किसी किसान की मेहनत सफल हुई हो। हाल के दिनों में टमाटर की मूल्य में उछाल कई अन्य टमाटर किसानों के लिए भी किस्मत लेकर आ रहा है। ऐसी ही कहानी है महाराष्ट्र के तीन भाइयों की; उनमें से एक किसान है, दूसरा रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में वैज्ञानिक है, और तीसरा जल संरक्षण विभाग में एक अधिकारी है। इन तीनों भाइयों ने मिलकर अपनी 25 एकड़ जमीन में टमाटर की खेती की और इस खेती ने इन्हें करोड़पति बना दिया।