मतदान केंद्र पर अगर पोलिंग एजेंट को किसी वोटर की पहचान पर शक हो तो क्या होगा…
Assembly Election 2023: मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में आज विधनसभा चुनाव के लिए वोटिंग की जा रही है। मध्यप्रदेश में आज जहां 230 सीटों के लिए मतदान हो रहा है। वहीं, छत्तीसगढ़ में आज दूसरे फेज में 70 सीटों पर मतदान जारी है। क्या आपने कभी सोचा है कि मतदान केंद्र पर यदि पोलिंग एजेंट को किसी वोटर की पहचान पर संदेह हो तो क्या होगा? कैसे पहचान होगी की वोटर वास्तविक है या फर्जी है। आपको जानकर आश्चर्य होगी कि ऐसी स्थिति में पोलिंग बूथ पर फर्जी वोटर को लेकर निर्णय केवल 2 रुपए में हो जाता है।
2 रुपए में फैसला
निर्वाचन आयोग के मास्टर्स ट्रेनर संजय दीक्षित ने कहा कि पोलिंग बूथ पर फर्जी वोटर को लेकर यदि टकराव होता है कि इसके निर्णय की सुनवाई 2 रुपए की फीस अदा करके की जाती है। इस मुद्दे की सुनवाई पोलिंग सेंटर पर उपस्थित पीठासीन अधिकारी करते हैं। वोट देने आए किसी आदमी पर पोलिंग एजेंट को यदि विरोध है तो उसे पीठासीन अधिकारी के पास 2 रुपए जमा करना होंगे। ऐसे में चैलेंज वोट से ही तय किया जाता है कि वोटर वास्तविक है या नकली। इस दौरान पोलिंग एजेंट को साबित करना होगा कि वह फर्जी वोटर है। यदि पोलिंग एजेंट ठीक साबित होता है तो उसे 2 रुपए फीस लौटा दी जाती है। पीठासीन अधिकारी फर्जी वोटर को पुलिस को सौंप देता है। उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाती है।
वोटर फर्जी या असली
पोलिंग एजेंट को करना होगा चैलेंज कि मतदान के लिए आया आदमी वास्तविक वोटर नहीं है। पोलिंग एजेंट जब किसी पर इल्जाम लगाते हैं कि फलां वोटर फर्जी है, तब वोटर और पोलिंग एजेंट दोनों ही अपनी बातों पर अड़ जाते हैं। ऐसी स्थिति में चैलेंज वोट का सहारा लिया जाता है। आमतौर पर सियासी दल पोलिंग बुध पर लोकल लोगों को पोलिंग एजेंट बनाते हैं, ताकि वो वोटिंग के समय वोटर्स की पहचान सरलता से कर सकें।
क्या होता है टेंडर वोट
यदि अपकी स्थान किसी दूसरे ने वोट डाल दिया, तब आपको टैंडर वोट का अधिकार मिलता है। आपको मतपत्र दिया जाता है। आप अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट देने के बाद इसे पीठासीन अधिकारी को सौंप देते हैं। वह मतपत्र को लिफाफे में सील कर देता है, साथ ही रजिस्टर 17-ए में दर्ज कर लिया जाता है। मतगणना के समय इस वोट की गिनती नहीं होती। यदि नतीजों को लेकर मुद्दा न्यायालय में जाता, तब न्यायधीश इस टेंडर वोट के आधार पर भी फैसला दे सकते हैं।
प्रॉक्सी वोट
सेना के जवान और केंद्रीय मंत्रलय में पदस्थ अधिकारी जिनकी पोस्टिंग दूसरी स्थान है। और उनका नाम वोटर लिस्ट में है। वे अपने रक्त संबंधी से स्वयं की पसंद के उम्मीदवार को अपना वोट डलवा सकते हैं। उप जिला निर्वाचन अधिकारी रविशंकर राय ने कहा भोपाल में 1,554 प्रॉक्सी वोटर हैं।