उत्तरकाशी बचाव अभियान :कंक्रीट का काम हुआ पूरा
नई दिल्ली. उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में 41 मजदूर फंसे हुए हैं. सुरंग के अंदर 2 किलोमीटर के खंड में मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कंक्रीट का काम पूरा हो चुका है. सुरंग का यह खंड बचाव प्रयासों का केंद्र बिंदु है.
बचाव कार्यों पर प्रमुख अपडेट देते हुए केंद्र गवर्नमेंट ने कहा कि सुरंग के अंदर ताजा पका हुआ भोजन और ताजे फल पहुंचाए जा रहे हैं. गैस कटर का इस्तेमाल करके धातु की वस्तु (लैटिस गर्डर रिब) को काटने का काम प्रारम्भ किया गया और यह कार्य पूरा कर लिया गया है. 9वें पाइप को फिर से धकेलना प्रारम्भ किया गया और अतिरिक्त 1.8 मीटर की दूरी तक पहुंचा दिया गया.
इस दौरान हल्की कंपन नोट किया गया था, इसलिए लागू किए जाने वाले बल का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए ऑगर को थोड़ा पीछे धकेल दिया गया था. इस दौरान रुकावटें देखी गईं. 10वें पाइप को धकेलने के दौरान कुछ और रुकावट देखी गई और पाइप को धकेलना बंद करना पड़ा. सुरंग के अस्तर से फोरपोल (पाइप) का एक मोड़ वाला हिस्सा बरमा असेंबली में टकरा गया था, जिससे कंपन हुआ.
कंक्रीट को तेजी से कठोर करने के लिए एक्सेलेरेटिंग एजेंट का इस्तेमाल करके ऑगर मशीन के लिए प्लेटफॉर्म को मजबूत किया गया, जिसके बाद प्लेटफॉर्म की एंकरिंग और बोल्टिंग की गई. बचाव अभियान पर राय देने के लिए राष्ट्रीय और तरराष्ट्रीय जानकार मौके पर मौजूद हैं.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार गवर्नमेंट ने फंसे हुए लोगों का आत्मशक्ति बढ़ाने के लिए लगातार उनके साथ संपर्क बनाए रखा है. वेल्डरों द्वारा दृश्य निरीक्षण के बाद यह पाया गया कि ऑगुर का कटर जाली गर्डर बार से उलझ गया है, जिससे 800 मिली मीटर मार्ग वाले पाइप की 1.5 मीटर लंबाई क्षतिग्रस्त हो गई है. इसके अलावा, इन जालीदार पट्टियों को काटने का काम चल रहा है. अटके हुए ऑगर्स सहित सभी बाधाओं से 800 मिली मीटर बचाव पाइप को हटाने के बाद, दूसरी तरफ तक पहुंचने के लिए आखिरी कुछ मीटर को साफ करने के लिए मैन्युअल बहाव प्रक्रिया लागू की जाएगी.
रिपोर्टिंग के समय तक कुल 8 रिब्स का निर्माण पूरा हो चुका है. ड्रिलिंग मशीनरी साइट पर पहुंच गई है. ड्रिलिंग मशीन को स्थापित करने के लिए प्लेटफार्म तैयार हो चुका है. सुरंग के ऊपर ड्रिलिंग प्वाइंट की मार्किंग को जीएसआई, आरवीएनएल और ओएनजीसी के साथ चर्चा के बाद सीएच 300 एल/एस में आखिरी रूप दे दिया गया है.
वहीं, टिहरी हाइड्रो विकास निगम लिमिटेड (टीएचडीसी) ने बड़कोट छोर से एक बचाव सुरंग का निर्माण प्रारम्भ कर दिया है. छठा विस्फोट 27 नवंबर को प्रात 6 बजकर 15 मिनट पर किया गया. बहाव की कुल निष्पादित लंबाई 12 मीटर है. यहां 18 रिब्स का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.