आम की फसल के लिए घातक होता है यह कीट, एक्सपर्ट से जानें उपाय
इस समय आम के बाग की देखभाल के लिए किसान कीट, पतंगों और अन्य रोंगों से बचाव के लिए छिड़काव आदि कर रहे हैं। इन दिनों आम के पेड़ों पर कढ़ी कीट का प्रकोप प्रारम्भ हो जाता है। जिससे बचाव के लिए अत्यधिक देखभाल रखने की जरूरत है। कढ़ी कीट के असर से फसल उत्पादन, गुणवत्ता और पेड़ का विकास भी प्रभावित हो जाता है। आम के फल की गुणवत्ता और उत्पादन से ही किसान को फायदा होता है।
कृषि जानकार डाक्टर आई के कुशवाह ने कहा कि आम के पेड़ों में कढ़ी कीट नामक रोग से आम की फसल की गुणवत्ता और उत्पादन पर असर पड़ता है। जिसके लिए किसानों को आम के पेड़ों पर समय-समय पर छिड़काव आदि करना चाहिए तथा खेत में समय के हिसाब से सिंचाई भी करनी चाहिए। कृषि अधिकारी ने कहा कि आम के बाग़ की जुताई करना भी अति जरूरी है। उन्होंने कहा कि पेड़ के तने के पास से मिट्टी को खुदाई कर डोर कर देने से इस कीट का असर काफी हद तक कम हो जाता है। मिट्टी हटाकर किसी कीट नाशक या चुना या गन्ने की छाल को भी मिट्टी में मिला देने से इस कीट से आम को बचाया जा सकता है।
ऐसे करें कढ़ी कीट से बचाव
डॉ आई के कुशवाह ने कहा कि कढ़ी कीट का कीड़ा आम के पेड़ के तने की जड़ में मिट्टी में पैदा होता है। जिसका असर नवंबर के अंतिम माह में प्रारम्भ होता है औऱ दिसंबर माह में यह कीट अंडे देता है। अंडों से निकले कीट के बच्चे तने की ओर खिसक कर ऊपर की ओर चलते है। जिनका रंग भी आम के पेड़ की छाल की तरह होता है। जो नजर नहीं आता। यदि इसकी पहचान करनी हो तो आम के पेड़ के तने पर सफेद कपड़ा बांध दे। उस कपड़े पर यह कीट नजर आ जाता है।
कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को दी यह सलाह
डॉक्टर आई के कुशवाहा ने कहा कि इस कीट से बचाव के लिए ग्रीस को पेड़ के तने पर चारो ओर लगा दे। ग्रीस पर चिपककर यह कीड़ा खुद ही खत्म हो जाता है। इसके अतिरिक्त किसान पेड़ के तने की जड़ से मिट्टी की खुदाई कर उसमें कीटनाशक का छिड़काव करे। कीटनाशक के छिड़काव से मिट्टी में ही कढ़ी कीट के अंडे खत्म हो जाएंगे और इनका प्रजजन भी रुक जाएगा।