इन किसानों ने आय दोगुनी करने के लिए गांव को दूध डेयरी के हब को मिला बढ़ावा
ग्रामोद्योग विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि गवर्नमेंट किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है। इतना ही नहीं, किसानों को खेती के साथ मवेशी पालन के लिए भी प्रेरित किया जा रहा हैं, ताकि उनकी आय बढ़ सके। इसी क्रम में शासन प्रदेश के गांवों को दूध-डेयरी के हब के तौर पर विकसित करने में जुटी है। जिले के किसान भी योजना का फायदा ले रहे हैं, यही कारण है कि तीन साल तक जहां गांवों में भी एक भी डेयरी उद्योग के लिए एक भी आवेदन नहीं था, साल – में करीब 11 किसानों ने योजना के अनुसार डेयरी उद्योग प्रारम्भ करने के लिए लिए आवेदन किया और अधिकतर ने अपना व्यापार प्रारम्भ कर दिया।
कई अन्य व्यवसाय पर भी फोकस आत्मनिर्भर हिंदुस्तान के अनुसार गांवों में सहायता समूह की महिलाएं टेलरिंग और ब्यूटी पार्लर हब पर अधिक बल दे रही है। इसके अतिरिक्त आटा चक्की, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, पोल्ट्री फॉर्म का व्यापार भी कदम जमा रहा हैं।
रोजगार प्रारम्भ किया
चीती गांव निवासी दिवाकर टेलरिंग का काम करते हैं। दिवाकर बताते हैं कि उन्होंने कुछ समय पहले ही टेलरिंग का कार्य सीखा और अपना कारोबार प्रारम्भ कर दिया। वह रोजाना एक हजार गारमेंट्स के ऑर्डर तैयार करते हैं, जिनमें ज्यादातर विद्यालय ड्रेस और स्त्रियों के कपड़े हैं। उनकी प्रतिमाह आय एक लाख से अधिक हैं साथ ही उन्होंने चार लोगों को रोजगार भी दिया है।
शहरों में दूध सप्लाई कर रहे
दुजाना गांव निवासी भोला और संदीप बताते हैं कि वह दूध का कारोबार करते हैं, उन्होंने कई मवेशी पाल रखे हैं। वह शहरों में दूध सप्लाई करते हैं। उनकी सालाना आय पांच लाख से अधिक है। इनका परिवार इसी कारोबार पर निर्भर है।
जिले में ग्राम उद्योगों की स्थिति
उद्योग संख्या
टेलरिंग
डेयरी 15
आटा चक्की 07
ब्यूटी पार्लर 06
आर्टिफिशियल ज्वेलरी 04
गांव से पलायन रोकने के लिए लोगों को गांव में व्यापार प्रारम्भ करने के लिए सतर्क किया जा रहा है। ज्यादातर ग्रामीण डेयरी उद्योग और टेलरिंग को महत्व दे रहे हैं। महिलाएं आटा चक्की और आर्टिफिशियल ज्वेलरी, ब्यूटी पॉर्लर खोलकर स्वावलंबी बन रही हैं। – अंबुज कुमार, जिला ग्रामोउद्योग अधिकारी