भारत और भूटान के संबंध पर चीन की वजह से कोई फर्क नहीं
भूटान और चीन के बीच सीमा समझौते की तरफ बढ़ रही वार्ता हिंदुस्तान को टेंशन देने वाली थी। हालांकि हिंदुस्तान और भूटान के संबंध पर चीन की वजह से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। हिंदुस्तान और भूटान के बीच व्यापार, तकनीक और सीमा पार परिवहन को लेकर कई ऐसे समझौते हुए हैं जो कि दोनों राष्ट्रों के संबंध और मजबूत करेंगे। वहीं यह चीन के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। बता दें कि हिंदुस्तान और भूटान के बीच पहले रेल लिंक का सर्वे भी पूरा हो गया है। वहीं दोनों राष्ट्र एक और रेल लिंक पर विचार कर रहे हैं।
चीन को झटका
भूटान के किंग जिगमे खेसर एक हफ्ते के हिंदुस्तान दौरे पर हैं। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद दोनों ने संयुक्त बयान जारी करके नए समझौतों की अहमियत बताई। बता दें कि इन दिनों भूटान के रुख में परिवर्तन की चर्चा जोरों पर थी। कहा जा रहा था कि भूटान और चीन वार्ता के जरिए सीमा टकराव का हल निकालने में जुटे हैं और उन्हें कामयाबी भी मिलने वाली है। हालांकि अब हिंदुस्तान और भूटान के आगे बढ़ते संबंधों को देखकर बोला जा सकता है कि भूटान चीन के साथ ऐसा कोई समझौता नहीं करेगा जिससे हिंदुस्तान का हानि हो।
प्रधानमंत्री मोदी ने जिगमे खेसर को भूटान के विकास के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। इसके अतिरिक्त असम के कोकराझार से भूटान के गेलेफू के बीच बनने वाले रेल लिंक के फाइनल लोकेशन सर्वे पर दोनों राष्ट्रों के बीच बात बन गई है। जल्द ही इस रेल लिंक का काम भी प्रारम्भ हो सकता है। इसके अतिरिक्त दोनों राष्ट्रों ने पश्चिम बंगाल के बनारहाट से भूटान के सामत्से के बीच भी रेल लिंक बनाने पर विचार किया है। इससे भूटान और बांग्लादेश के बीच भी व्यापार सरल हो जाएगा।
भारतीय रेलवे ने प्रारम्भ कर दिया भारत-भूटान रेल लिंक पर काम
भारतीय रेलवे ने कोकराझार और गेलेफू के बीच 57 किलोमीटर में शुरुआती र्वे पूरा कर लिया है। इसके अतिरिक्त दोनों राष्ट्रों ने व्यापार को और मजबूत करने के लिए दादगिरी चेकपोस्ट को अपग्रेड करने पर सहमति जताई है। साझा बयान में बोला गयाय कि हिंदुस्तान गवर्नमेंट 12वीं और 13वीं पंचवर्षीय योजना के लिए भूटान को ब्रिज फाइनेंसिंग करेगा। भूटान के किंग ने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया।
भारत ने 2023-24 के बजट में दूसरे राष्ट्रों की सहायता के लिए जो बजट आवंटित किया है उसका सबसे अधिक लाभ भूटान को मिलता है। यह बजट कुल 2400 करोड़ का है जिसमें से 5408 करोड़ भूटान के लिए खर्च होना है। भूटान के लोगों की स्किल डिवेलपमेंट में भी हिंदुस्तान योगदान करेगा। इसके अतिरिक्त असम के मेडिकल कॉलेजों में भूटान के विद्यार्थियों के लिए अतिरिक्त एमबीबीएस सीटें बढ़ाई जाएंगी। इसके अतिरिक्त वन्य जीव और पर्यावरण संरक्षण के लिए दोनों राष्ट्र आपसी योगदान बढ़ाएँगे। भूटान के किंग अब मंबई जाएंगे और कुछ बड़े भारतीय कारोबारियों के साथ बैठक करेंगे।