सुप्रीम कोर्ट ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा के लिए चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका की खारिज
Supreme Court rejects plea challenging Jyotiraditya Scindia election: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा के लिए चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ के समक्ष मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए सिंधिया के चुनाव को चुनौती देने वाली विशेष अनुमति याचिका (SLP) लगाई गई थी।
सिंधिया के विरुद्ध दाखिल याचिका में इस मामले को चुनौती दी गई थी कि क्या सिर्फ़ FIR दर्ज होने से एक लंबित आपराधिक मुद्दा बनता है? क्या इसका खुलासा लोक अगुवाई अधिनियम 1951 के अनुसार संभावित उम्मीदवार के नामांकन पत्र में किया जा सकता है? उस आदेश को चुनौती देते हुए दाखिल की गई समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया गया।
विशेष अनुमति याचिका को खारिज करते हुए खंडपीठ ने कहा- याचिकाकर्ता द्वारा विवादित आदेशों में हस्तक्षेप का कोई मुद्दा नहीं बनाया गया था। सिंधिया का अगुवाई वरिष्ठ वकील एनके मोदी और सिद्धार्थ भटनागर के साथ-साथ वकील फरेहा अहमद खान और करंजावाला एंड कंपनी एडवोकेट्स की एक टीम ने किया, जिसका नेतृत्व ताहिरा करंजावाला ने किया। याचिकाकर्ता का अगुवाई वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप जॉर्ज चौधरी ने किया।
SC rejects plea challenging election of Jyotiraditya Scindia to Rajya Sabha
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— ANI Digital (@ani_digital) October 13, 2023
इससे पहले 7 जुलाई को भी सिंधिया को उच्चतम न्यायालय से राहत मिल गई थी। उच्चतम न्यायालय ने इस मुद्दे पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। दरअसल, मध्य प्रदेश के कांग्रेस पार्टी नेता गोविंद सिंह का बोलना था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के विरुद्ध 2018 में भोपाल के श्यामला हिल्स पुलिस स्टेशन में एक मुद्दा दर्ज हुआ था, लेकिन उन्होंने राज्यसभा चुनाव के दौरान अपना नामांकन भरते समय इसकी जानकारी नहीं दी।
बता दें कि मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा सांसदों को मैदान में उतार रही है। बोला जा रहा है कि पांचवीं लिस्ट में ज्योतिरादित्य का नाम शामिल किया जा सकता है। उन्हें शिवपुरी, कोलारस या गुना जिले की बमोरी सीट से मैदान में उतारा जा सकता है।