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संजय राउत ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए देश की पुरानी पार्टी कांग्रेस को दी चेतवनी

पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक पार्टियों ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कमर कसना प्रारम्भ कर दिया है इण्डिया गुट के बैनर तले विपक्षी पार्टियां बीजेपी (भाजपा) से लोहा लेने की तैयारी में हैं वहीं इण्डिया गुट की अहम पार्टी शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राष्ट्र की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पार्टी को चेतवनी दी है सामना में लिखे अपने लेख में उन्होंने कहा कि कैसे आने वाले चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मुश्किलों का समाना कर सकता है

रविवार को कांग्रेस पार्टी को आगाह करते हुए संजय राउत ने बोला कि यदि गांधी परिवार के नजदीकी लोग पीएम मोदी के अनुकूल राजनीति करते रहेंगे, तो राष्ट्र की कांग्रेस पार्टी को 2024 के लोकसभा चुनाव में और कठिन का सामना करना पड़ेगा पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक’ में राउत ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) संबंधी संभावना को उठाने का आह्वान किया उन्होंने दावा किया कि मध्य प्रदेश में जब मतपत्र (डाक मतपत्र) की गिनती हो रही थी तब कांग्रेस पार्टी 199 सीट पर आगे चल थी लेकिन ईवीएम से गिनती प्रारम्भ होने के साथ ही हालात बदल गई

भाजपा ने हाल में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव जीत दर्ज की है जबकि कांग्रेस पार्टी तेलंगाना में विजयी रही इन राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे तीन दिसंबर को घोषित किए गए कांग्रेस पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ का संदर्भ देते हुए राउत ने कहा, ”अगर गांधी परिवार के आसपास के लोग मोदी तथा शाह (केंद्रीय मंत्री अमित शाह) के अनुकूल राजनीति करेंगे तो 2024 में और खतरा होगा

कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान का नेतृत्व किया था उन्होंने बोला कि मोदी का ‘जादू’ तीन राज्यों में काम आया लेकिन यह तेलंगाना में नहीं चला राज्यसभा सदस्य राउत ने बोला कि यह भ्रम है कि कांग्रेस पार्टी मोदी को हरा नहीं सकती उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव का संदर्भ देते हुए बोला कि कांग्रेस पार्टी ने पूर्व में मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी को हराया है राउत ने बोला कि राजस्थान और मध्य प्रदेश के निवर्तमान सीएम क्रमश: अशोक गहलोत और भूपेश बघेल ने मुकाबला किया लेकिन इसके बावजूद दोनों राज्यों में कांग्रेस पार्टी की हार हुई

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