एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व मंत्री स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती को यौन शोषण मामले में किया दोषमुक्त
शाहजहांपुर,। एमपी एमएलए न्यायालय ने एक शिष्या का यौन
शोषण करने के मुद्दे में पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी
चिन्मयानंद सरस्वती को गुरुवार को दोषमुक्त कर दिया। चिन्मयानंद के वकील
फिरोज हसन खान ने कहा कि एमपी एमएलए न्यायालय ने कोई सबूत न होने कारण
उन्हें बरी कर दिया है।
उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से
चिकित्सक और पीड़िता के अतिरिक्त रिपोर्ट दर्ज कराने वाले लेखक खुर्शीद,
रेडियोलाजिस्ट एम।पी। गंगवार और बी।पी। गौतम ने गवाही दी है। वकील खान ने
बताया कि न्यायालय ने स्वामी चिन्मयानंद को इस मुद्दे में गुनेहगार न पाते हुए
उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया है।
यौन उत्पीड़न मुद्दे में स्वामी
चिन्मयानंद को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से 19 दिसंबर, 2022 को अग्रिम जमानत मिल
गई थी। तबसे यह मुद्दा न्यायालय में विचाराधीन था।ज्ञात हो कि वर्ष 2011
में पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और मुमुक्षु आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी
चिन्मयानंद की एक शिष्या ने उन पर बंधक बनाकर दुराचार करने का इल्जाम लगाया
था। शिष्या ने इस संबंध में चौक कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी। तब से यह
मामला शाहजहांपुर की एमपी-एमएलए न्यायालय में चल रहा है। इसके बाद न्यायालय ने
स्वामी चिन्मयानंद को पेशी के लिए कई समन भेजे। लेकिन न्यायालय के समक्ष पेश न
होने पर उनके विरुद्ध गैरजमानती वारंट भी जारी किया गया था।