मध्य प्रदेश में MBBS की हिंदी किताबें 25 दिन में होंगी अवेलेबल
मध्य प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में इसी सेशन से स्टूडेंट्स को MBBS की किताबें हिंदी में पढ़ने को मिलेंगी। मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के अफसरों बोलना है कि ये किताबें करीब अगले 20-25 दिनों में कॉलेजों और बाजार में अवेलेबल होंगी। इसी के साथ मध्य प्रदेश MBBS की पुस्तकों का हिंदी वर्जन सबसे पहले मौजूद कराने वाला प्रदेश बन जाएगा।
इस कोर्स को 524 डॉक्टरों की टीम ने 75 दिनों में तैयार किया है। इन्होंने 12 सब्जेक्ट्स की करीब 13 पुस्तकों का ट्रांस्लेशन किया। इन 13 पुस्तकों में कुल 10,664 पेज हैं। इसके लिए पहले 5 वर्ष का टाइम दिया गया था, लेकिन कमेटी ने 4 वर्ष 10 महीने पहले ही इस काम को पूरा कर लिया। ऑफिसर्स बोलना है कि इन पुस्तकों को तैयार करने के लिए देशभर के मेडिकल कॉलेज में सर्वे किया गया है।
पिछले वर्ष 3 किताबें लांच हुई
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 16 अक्टूबर 2022 को एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के 3 सब्जेक्ट्स की पुस्तकों का हिंदी ट्रांसलेशन लांच किया। इन पुस्तकों को मध्य प्रदेश के 97 डॉक्टरों ने करीब 4 महीने में तैयार किया था। इनमें पुस्तकों में करीब 3410 पेज थे।
पूरे प्रोजेक्ट को मंदार नाम दिया
मप्र के मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर विश्वास सारंग ने कहा था कि मेडिकल कॉलेजों के प्रोफेसर और हिन्दी के जानकारों ने MBBS फर्स्ट ईयर की पुस्तकों का ट्रांसलेटेड वर्जन तैयार किया है। इस पूरे प्रोजेक्ट को मंदार नाम दिया गया। उनका बोलना था कि इस नाम के पीछे ये विचार था कि जिस तरह समुद्र मंथन में मंदार पर्वत के सहारे अमृत निकाला गया था। उसी तरह से अंग्रेजी की पुस्तकों का हिन्दी में अनुवाद किया गया है।
मध्य प्रदेश के अतिरिक्त यूपी और उत्तराखंड भी MBBS कोर्स हिंदी में लांच करने की घोषणा कर चुके हैं। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 15 अक्टूबर 2022 को ट्वीट कर मेडिकल और इंजीनियरिंग कोर्सेज अगले सेशन से हिंदी में अवेलेबल कराने की घोषणा की थी।
वहीं, उत्तराखंड के मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर धन सिंह रावत ने नवंबर 2022 में बोला था कि इस कोर्स को अकादमिक सेशन 2023 से लागू किया जाएगा। हालांकि, अभी तक इसकी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।