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तेंदुए की मौत पर मेनका गांधी का लेटर, फॉरेस्ट चीफ से कहा…

खंडवा के ओंकारेश्वर में तेंदुए की मृत्यु को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पर्यावरणवादी मेनका गांधी ने संज्ञान लिया हैं. उन्होंने प्रदेश के फॉरेस्ट चीफ विजयकुमार अंबाडे को चिट्ठी लिखकर ​चिंता जताई है. बोला कि तेंदुएं की मृत्यु से जुड़ी ये समाचार और फोटोज़ पूर

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पीपल्स फॉर एनिमल्स संस्था की प्रमुख मेनका गांधी से इंदौर की स्त्री पर्यावरण कार्यकर्ता प्रियांशु जैन ने कम्पलेन की थी. जिस पर मेनका गांधी ने संज्ञान लेते हुए मध्यप्रदेश वन विभाग को तलब किया है. कहा गया कि घायल तेंदुूएं की सूचना वन क्षेत्रपाल आनंदराम खांडे को दी गई थी, लेकिन उन्हें बिना किसी बैकअप के आने में घंटों लग गए. तब तक तेंदुआ मर चुका था.

अनुरोध करूंगी कि आप विभाग को शर्मसार करने वाले ऐसे अफसरों को निलंबित करने के लिए कुछ कठोर कदम उठाएं. वहीं अपने कार्यकाल के दौरान कम से कम 4 वन्यजीव हॉस्पिटल भी स्थापित करने चाहिए, जहां जानवरों को उपचार के लिए ले जाया जा सकें. फिलहाल आपके पास हॉस्पिटल नहीं है. मुझे मध्यप्रदेश की बहुत सारी शिकायतें मिली हैं.

वन अधिकारी बोले- रक्त का थक्का जमा, हार्टअटैक से मौत

ओंकारेश्वर के धावड़िया ग्राम के एक खेत में अचेत हालत में मिले तेंदुए की सोमवार को मृत्यु हो गई थी. मंगलवार सुबह तेंदुए के मृतशरीर का चिकित्सक की पैनल ने हरसूद नाका स्थित वन विभाग के डिपो में पोस्टमार्टम किया. पीएम के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि तेंदुआ बूढ़ा हो चुका था.

उसके शरीर में अंदरूनी इंफेक्शन के साथ रक्त के थक्के मिले. अफसरों के मुताबिक, हृदयघात से तेंदुए की मृत्यु हुई है. हालांकि, विसरा सैंपल लिया है. जिसे जांच के लिए जबलपुर की फॉरेंसिक लेब भेजा जाएगा. उसकी रिपोर्ट में स्थिति और भी साफ हो जाएगी.

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