इजरायली सरकार ने हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने के लिए भारत से उठाई मांग
गाजा में चल रहे युद्ध के बीच, हमास को हिंदुस्तान में आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग हो रही है। स्वयं इजरायल इस संबंध में हिंदुस्तान से अपील कर चुका है। अब विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने शुक्रवार को फिलिस्तीनी समूह हमास को हिंदुस्तान में आतंकी संगठन घोषित करने को लेकर संसद के एक सदस्य द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर दिया।
दरअसल केरल कांग्रेस पार्टी के नेता कुंभकुडी सुधाकरन ने पूछा कि क्या केंद्र के पास हमास को आतंकी संगठन घोषित करने का कोई प्रस्ताव है। बता दें कि हमास ने ही इजरायल पर 7 अक्टूबर के खतरनाक धावा किया था। इस पर केरल के सांसद ने यह भी पूछा कि क्या इजरायली गवर्नमेंट ने हमास को आतंकी संगठन घोषित करने के लिए हिंदुस्तान से कोई मांग उठाई है।
लोकसभा में प्रश्न के लिखित उत्तर में विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा, “किसी संगठन को आतंकी घोषित करना अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के भीतर आता है और किसी भी संगठन को आतंकी घोषित करने पर संबंधित सरकारी विभागों द्वारा अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक विचार किया जाता है।”
सुधाकरन द्वारा उठाया गया सवाल, बढ़ते इजरायल-हमास संघर्ष के मद्देनजर आया है। हमास के 7 अक्टूबर के हमले के दौरान इजरायल में लगभग 1,200 लोग मारे गए। वहीं इजरायल की जवाबी कार्रवाई में 17,100 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। संयुक्त देश ने बोला कि 7 अक्टूबर को हमास के खतरनाक हमले के कारण इजरायल-हमास युद्ध प्रारम्भ होने के बाद से 18 लाख लोगों को उनके घरों से निकाला गया है।
आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस नीति रखने वाले हिंदुस्तान ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले की आलोचना की थी। साथ ही इजरायल के साथ एकजुटता भी जाहिर की थी। हालांकि, अब तक हिंदुस्तान ने हमास को आतंकवादी संगठन नहीं माना है। हिंदुस्तान किसी समूह को UAPA यानी अवैध गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के जरिए आतंकी संगठन घोषित करता है।
मार्च 2023 तक इस अधिनियम की पहली सूची के अनुसार 44 घोषित आतंकी समूह हैं। इनमें उन आतंकवादी समूहों का नाम भी शामिल है, जो कभी पंजाब, कश्मीर, पूर्वोत्तर में एक्टिव थे। वर्ष 2015 में अंतिम बार ISIS को सूची में शामिल किया गया था। बोला जाता है कि आतंकी समूहों में शामिल होने में UAPA में कई महत्वपूर्ण शर्तें काफी क्षेत्रीय हैं। इनमें भारतीय क्षेत्र में एक्टिव होना, आर्थिक सहायता और आतंकियों को भर्ती करने जैसी शर्तें शामिल हैं।
हमास को अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान और यूरोपीय संघ जैसे कई बड़े राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय संगठन आतंकी समूह मान चुके हैं। खास बात है कि हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी समेत कई राष्ट्र खुलकर इजरायल के समर्थन में भी आ गए थे। वाइट हाउस की तरफ से एक साझा बयान भी जारी किया गया था।