विश्व कप फ़ाइनल में भारत ने नरेंद्र मोदी स्टेडियम में 50 ओवर में बनाएं 240 रन
ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय किया और आरंभ से ही हिंदुस्तान पर दबाव बना दिया। ऑस्ट्रेलिया ने अच्छी गेंदबाजी की और बढ़िया क्षेत्ररक्षण का प्रदर्शन किया।
पिच को देख कर ऐसा लगा था कि यह कहीं से भी बल्लेबाज़ों के लिए सरल नहीं होने वाली है लेकिन इतनी कठिन होगी यह शायद ही किसी ने सोचा होगा। फ़िलहाल तो मुद्दा यह है कि ऑस्ट्रेलिया की टीम ने हिंदुस्तान को काफ़ी कम स्कोर पर रोका है। कोहली, राहुल और रोहित की पारी अच्छी थी लेकिन बीच के ओवरों में आक्रमकता की कमी साफ़ झलक रही थी। 35 ओवर के क़रीब ही गेंदबाज़ों को अच्छा ख़ासा रिवर्स स्विंग भी मिल रहा था। ऐसा नहीं है कि यह पिच बहुत सरल है लेकिन भारतीय गेंदबाज़ों को मैच में वापसी करने के लिए काफ़ी मेहनत करनी होगी।
मिचेल स्टार्क ने बेहतर गेंदबाजी करते हुए 55 रन पर तीन विकेट झटके। जोश हेजलवुड और कप्तान पैट कमिंस ने दो-दो विकेट निकाले। ग्लेन मैक्सवेल और एडम जम्पा को एक-एक विकेट मिला।
शुभमन गिल के मात्र चार रन बनाकर स्टार्क का शिकार बनाने के बाद रोहित ने पॉवरप्ले में आक्रामक खेलने की अपनी रणनीति जारी रखी। रोहित ने 31 गेंदों पर 47 रन में चार चौके और तीन छक्के लगाए। रोहित ने मैक्सवेल के ओवर में एक छक्का और एक चौका लगा दिया था लेकिन उसी ओवर में बड़ा शॉट खेलने के कोशिश में ट्रेविस हेड के हाथों लपके गए।
हालांकि अपनी पारी से रोहित ने वनडे प्रारूप में किसी एक प्रतिद्वंद्वी के विरुद्ध सर्वाधिक छक्के लगाने का वेस्टइंडीज के कद्दावर क्रिस गेल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। रोहित का विकेट गिरने के बाद श्रेयस अय्यर मात्र चार रन बनाकर विकेटकीपर के हाथों लपके गए।
विराट और राहुल ने चौथे विकेट के लिए 67 रन जोड़कर स्थिति संभालने की प्रयास की लेकिन कमिंस ने आक्रमण पर वापस आते हुए विराट को बोल्ड कर दिया। विराट ने 63 गेंदों पर 54 रन में चार चौके लगाए।
रवींद्र जडेजा नौ रन बनाकर टीम के 178 के स्कोर पर आउट हुए। राहुल 107 गेंदों पर 66 रन बनाकर 203 के स्कोर पर पवेलियन लौट गए। अपनी पारी में उन्होंने केवल एक चौका लगाया। सूर्यकुमार यादव 28 गेंदों पर 18 रन बनाकर पवेलियन लौटे जबकि कुलदीप यादव (10) अंतिम गेंद पर रन आउट हुए और भारतीय पारी 240 रन पर सिमट गयी। मोहम्मद सिराज नौ रन पर नाबाद रहे।