हाईवे और एक्सप्रेसवे में क्या होता है फर्क जान लीजिए

अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने एक बार सड़कों को लेकर बोला था कि अमेरिका विकसित राष्ट्र है इसलिए यहां की सड़के अच्छी हैं ये बात ठीक नहीं है, बल्कि अमेरिका इसलिए समृद्ध हुआ है क्योंकि यहां की सड़कें अच्छी हैं। किसी भी राष्ट्र के विकास का पैमाना उसके इंफ्रास्ट्रक्चर से देखा जाता है और इसी इंफ्रास्ट्रक्चर में राष्ट्र की सड़कों का बड़ा सहयोग होता है। आपको बता दें कि सड़क कई प्रकार के होते हैं जिन्हें हाईवे और एक्सप्रेसवे समेत अन्य नामों से जाना जाता है। कई बार बड़े-बड़े साक्षात्कार में लोगों से सड़कों से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। ऐसा ही एक प्रश्न है कि एक्सप्रेसवे और हाईवे में क्या फर्क होता है। इस छोटे से प्रश्न का उत्तर देने में ज्यादातर लोग असमर्थ रहते हैं। इसी प्रश्न का उत्तर यहां दिया गया है।
एक्सप्रेसवे और हाईवे में क्या होता है अंतर?
1. हाईवे और एक्सप्रेसवे में एक सबसे बड़ा अंतर देखा गया है कि हाईवे पर एंट्री करने के लिए कोई खास एक्सेस कंट्रोल नहीं होता है। इसमें कहीं से भी आप प्रवेश कर सकते हैं, जबकि एक्सप्रेसवे में प्रवेश करने का एक ही रास्ता होता है और निकलने का भी एक ही रास्ता होता है। इसी अंदर आने और बाहर जाने के लिए रास्ते को एक्सेस कंट्रोल कहते हैं।
2. हाईवे और एक्सप्रेसवे में दूसरा सबसे बड़ा अंतर ये देखने को मिलता है कि हाईवे आमतौर पर समतल जमीन पर भी बना दिया जाता है जबकि एक्सप्रेसवे बनाते समय उसकी ऊंचाई जमीन से अधिक रखी जाती है। एक्सप्रेस-वे को किनारों से ब्लॉक कर दिया जाता है ताकि कोई जानवर या कोई दूसरा आदमी बीच सड़क में ना आ जाए। हाईवे में ऐसी कोई सुविधा नहीं होती है इसलिए हाईवे पर एक्सीडेंट अधिक होते हैं।
3. हाईवे और एक्सप्रेसवे पर चलने वाले वाहनों की स्पीड में भी बड़ा डिफरेंस देखने को मिलता है। जहां हाईवे पर अधिकतम स्पीड लिमिट 100 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। वहीं एक्सप्रेसवे की बात करें तो यहां पर अधिकतम स्पीड लिमिट 120 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। हाईवे की अपेक्षा एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने पर समय कम लगता है