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राजकीय विद्यालय की शिक्षिका ने 150 से अधिक महिलाओं को दी रोजगार

नागौर कहते है जीवन में बुरा समय और अच्छा समय दोनों का सामना करना पड़ता है लेकिन जो शख्स समय के सामने झुकता नहीं और मेहनत करता है वह शख्स जीवन में हमेशा कामयाबी पाता है ऐसा है एक उदहारण पेश किया है नागौर के गोगनाडा राजकीय विद्यालय में लगी शिक्षिका ने जिन्होनें 150 से अधिक स्त्रियों को रोजगार दिया है और भिन्न-भिन्न तरह के काम सिखाए हैं

दरअसल नागौर के गोगानाडा में प्रधानाध्यपिका के पद पर कार्यरत अर्चना सिंह का निजी जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा विवाह के नौ वर्ष बाद पति से तलाक हुआ उसके बाद अर्चना ने स्त्रियों को आत्मनिर्भर बनाने का काम प्रारम्भ किया अर्चना यह काम पिछले 23 सालों से कर रही है 23 साल से वह शिक्षिका बच्चों और स्त्रियों को आत्मनिर्भर बना रही है

 बच्चों और स्त्रियों सिखा रही काम
अर्चना बताती हैं कि तलाक के बाद वह एक एनजीओ से जुड़ी और साथ ही कम्प्यूटर का कोर्स भी किया इसके अतिरिक्त अपनी पढाई को जारी रखा और सरकारी सेवा में चयन हुआ लेकिन इसके बाद स्त्री तथा बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य नहीं छोड़ा और विद्यालय समय के पश्चात बच्चों और स्त्रियों को काम सिखाती रही

150 स्त्रियों को सिखाया काम
अर्चना सिंह के द्वारा अभी तक 150 स्त्रियों को काम सिखाया गया है जिसमें महिलाओ को पेपरमेशी, साबुन बनाना, सिलाई, स्वेटर बुनना, गोबर खाद के विभिन्न उत्पाद ब्रिक्स बना कर इको फ्रेंडली सामान बनाना सिखाया पेपरमेशी का काम करने स्त्री प्रेम देवी ने कहा कि अर्चना के द्वारा हमें तरह-तरह के आईटम बनाना सिखाया गया जिसके कारण जहां कही पर मेले और एग्जीबिशन लगते हैं तो हमारे द्वारा बनाए गए उत्पाद की वहां पर प्रदर्शनी लगाई जाती है जिससे आय भी प्राप्त हो जाती है

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